हाल ही में भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) में शामिल हुए राज्यसभा सांसद डा. किरोड़ी लाल मीणा ने मंगलवार को अपनी सरकार के खिलाफ ही मोर्चा खोल दिया. किरोड़ी लाल मीणा ने राज्य में एससी-एसटी पर हो रहे अत्याचार के खिलाफ बड़ी संख्या में महिलाओं और पुरुषों को लेकर जयपुर पुलिस कमिश्नर के दफ्तर का घेराव किया.
इस दौरान सांसद किरोड़ी लाल मीणा ने जयपुर पुलिस को चेतावनी देते हुए कहा कि मैं आज अपनी सरकार के खिलाफ आवाज उठा रहा हूं, अगर कार्रवाई नहीं हुई तो सरकार के खिलाफ आंदोलन भी करूंगा.
मीणा जयपुर के पास तूंगा में दलित और आदिवासी महिलाओं के ऊपर हुए पुलिस अत्याचार के मामले को लेकर लोगों के साथ जयपुर पुलिस कमिश्नर के दफ्तर पहुंचे थे. इस मौके पर बड़ी संख्या में गांव से आई महिलाओं ने कमिश्नर के दफ्तर के बाहर प्रदर्शन और नृत्य के साथ गीत गाए.
पुलिस कमिश्नर संजय अग्रवाल ने प्रदर्शनकारियों को वार्ता के लिए बुलाया और जांच बदलने का भरोसा देकर कहा कि पूरे मामले की फिर से जांच कराई जाएगी. राज्यसभा सांसद मीणा ने इस मौके पर कहा कि पुलिस ने अपनी रटी रटाई बातें बोली हैं लेकिन अगर परिणाम सही नहीं निकले तो मैं फिर से आंदोलन करूंगा.
बता दें कि राजस्थान में चुनाव बेहद करीब है और विपक्षी कांग्रेस पहले से ही प्रदेश में दलितों पर अत्याचार को मुद्दा बनाती रही है. अब खुद अपनी ही पार्टी के वरिष्ठ नेता के आरोप के बाद बीजेपी सरकार कटघरे में है.
विरोध दर्ज कराने आई महिलाओं ने कहा कि पुलिस आधी रात को उनको घर से उठा ले गई और 24 घंटे तक खाना पानी भी नहीं दिया. यहां तक कि हवालात में बंद रखा. पुलिस ने इन्हें ये कहते हुए पकड़ा था कि ये रेत खनन माफियाओं से मिली हुई हैं और पुलिस पर हमले करती हैं, जबकि इन महिलाओं का कहना था कि रेत माफियाओं से इनका दूर-दूर तक कोई रिश्ता नहीं है और दलित होने की वजह से पुलिस उन पर अत्याचार करती है.
तूंगा से आई कई महिलाओं ने पुलिस कमिश्नर दफ्तर के बाहर प्रदर्शन करते हुए अपनी चोट भी दिखाईं. बीजेपी सांसद मीणा ने कहा कि पुलिस थाने में बजरी माफिया बैठे रहते हैं और पुलिस रेत और शराब माफियाओं के साथ मिलकर धंधा करती है.
मीणा के इस बगावती तेवर के बाद सियासी हलकों में कई तरह की चर्चाएं गर्म है. कहा जा रहा है कि किरोड़ी लाल मीणा भले ही बीजेपी में आ गए हैं लेकिन मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे से इनका दिल नहीं मिलता है.
बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह के जरिए बीजेपी में अपनी पार्टी का विलय करने वाले मीणा को अभी तक बीजेपी में सम्मानजनक जगह नहीं मिली है और टिकट बंटवारे में भी कोई खास तवज्जो नहीं दी जा रही है. मीणा के साथ रह रहे कार्यकर्ताओं ने बताया कि अगर बीजेपी डॉक्टर साहब का सही सम्मान नहीं करती है तो डॉक्टर साहब अपना अलग रुख अख्तियार कर सकते हैं.
डॉ किरोड़ी लाल मीणा समाज के कद्दावर नेता हैं और मीणा वोट बैंक में किरोड़ी लाल मीणा की अच्छी खासी पकड़ है. मोदी लहर में भी अपनी अलग पार्टी बना कर किरोड़ी लाल मीणा ने 3 सीटें जीती थी और 6 सीटों पर दूसरे स्थान पर आए थे.