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राजस्थान की पहली ट्रांसजेंडर पुलिस कांस्टेबल बनी गंगा

जालोर के रानीवाड़ा के जाखड़ी गांव की रहने वाली गंगा कुमारी ने 2013 में कांस्टेबल की भर्ती में आवेदन दिया था. इसके बाद लिखित परीक्षा और फिजिकल टेस्ट में भी गंगा उत्तीर्ण हो गई. बाद में जब मेडिकल टेस्ट की बारी आई तो ट्रांसजेंडर का प्रमाण पत्र देख टेस्ट लेने वाले चौंक गए और गंगा की नियुक्ति पर टालमटोल करने लगे.

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गंगा.
गंगा.

राजस्थान की ट्रांसजेंडर गंगा को 3 साल की लड़ाई के बाद आखिरकार जोधपुर हाईकोर्ट ने पुलिस कांस्टेबल बनने का हक दिया. कोर्ट ने सरकार को छह सप्ताह के भीतर गंगा की पोस्टिंग करने के आदेश दिए हैं. बताया जा रहा है यह राजस्थान का पहला मामला है, जब ट्रांसजेंडर को कोर्ट के आदेश के बाद पुलिस सेवा में भर्ती होने का मौका मिला है.

बता दें कि जालोर के रानीवाड़ा के जाखड़ी गांव की रहने वाली गंगा कुमारी ने 2013 में कांस्टेबल की भर्ती में आवेदन दिया था. इसके बाद लिखित परीक्षा और फिजिकल टेस्ट में भी गंगा उत्तीर्ण हो गई. बाद में जब मेडिकल टेस्ट की बारी आई तो ट्रांसजेंडर का प्रमाण पत्र देख टेस्ट लेने वाले चौंक गए और गंगा की नियुक्ति पर टालमटोल करने लगे.

करीब दो साल तक अपने हक के लिए सरकारी दफ्तरों के गंगा चक्कर काटती रही, लेकिन उसे नौकरी नहीं मिली. आखिरकार उसने जोधपुर हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाया और उसे न्याय मिला.

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   बता दें कि गंगा खुद को बचपन से लड़की मानती है. उसका सपना है कि वो पुलिस कांस्टेबल बनकर आम जनता की सेवा करे. यही वजह है कि गंगा ने कांस्टेबल बनने के लिए कड़ी मेहनत की.

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