केरल में आई सदी की सबसे बड़ी त्रासदी में सहायता को लेकर राजनीति जारी है. एक तरफ केंद्र सरकार द्वारा संयुक्त अरब अमीरात (यूएई) की तरफ से 700 करोड़ की सहायता राशि की पेशकश ठुकराए जाने पर केरल के मुख्यमंत्री पिनराई विजयन ने केंद्र को निशाने पर लिया. तो वहीं कांग्रेस के महासचिव अशोक गहलोत आरोप लगा रहे हैं कि देश में इस तरह का माहौल है कि वह चाह कर भी केरल बाढ़ पीड़ितों की मदद नहीं कर पा रहे हैं.
कांग्रेस महासचिव अशोक गहलोत का कहना है कि लोग उनके नाम पर मदद के लिए सामने आने से डर रहे हैं. गहलोत ने केरल के बाढ़ पीड़ितों की मदद के लिए 10 लाख की सहायता राशि भेजते हुए कहा कि पहली बार देश में किसी बड़ी आपदा आने पर इतनी कम रकम भेज पा रहे हैं. गहलोत इससे पहले चाहे कारगील युद्ध हो या उत्तराखंड की प्राकृतिक आपदा या फिर भूकंप हो या सुनामी हर वक्त स्वयंसेवी संगठन, भारत सेवा संस्थान के जरिए बड़ी मदद भेजा करते रहे हैं.
इस बार भी गहलोत उपहार स्वरूप मिले मोमेंटो और अन्य सामानों की प्रदर्शनी के जरिए नीलामी कर मदद के लिए भेजना चाहते थें, लेकिन उनका कहना है कि बीजेपी ने डर का माहौल बना रखा है, जिस वजह से वे ऐसा नहीं कर पाए.
दरअसल अशोक गहलोत अक्सर आपदा में मदद लिए उपहार स्वरूप मिले हुए सामानों की नीलामी करते रहे हैं. खास कर जो भी मोमेंटो सार्वजनिक जीवन मिलता है उसकी प्रदर्शनी लगाई जाती और अशोक गहलोत के करीबी लोग और भामाशाह सहायता देने के नाम पर उसे खरीदते थें. गहलोत पूर्व में इस तरह के मोमेंटो से 40 से 50 लाख रुपए तक इकट्ठा कर सहायता के लिए भेज चुके हैं. इस बार भी मोमेंटो की प्रदर्शनी लगाई जानी थी, लेकिन इस तरह का फीडबैक मिला कि इस बार हालात बदले हुए हैं और कोई भी भामाशाह या बिजनेसमैन उनके मोमेंटो को खरीदने के लिए नहीं आएगा.
लिहाजा गहलोत नें अपने संपर्कों के आधार पर 10 लाख रुपए की राशि इकट्ठा की और केरल रवाना की है. अयप्पा मंदिर जयपुर और भारत सेवा संस्थान की मदद से यह सहायता राशि भेजी गई है.