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अलवर में गोरक्षकों का तांडव, मुस्लिम परिवार से छीनीं 51 'दुधारू गायें', गौशाला को सौंपी

यह घटना 3 अक्टूबर की है और 12 दिन बाद भी मुस्लिम परिवार को उसकी गाय नहीं दी जा रही है. जबकि किसान परिवार से जुड़ा सुब्बा मेव के घर पर दुधारू गायों के बछड़े-बछड़िया अपनी मां के दूध के इंतजार में कई दिनों से भूख-प्यास से तड़प रहे हैं.

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प्रतीकात्मक तस्वीर
प्रतीकात्मक तस्वीर

राजस्थान के अलवर में गोरक्षकों का एक नया कारनामा सामने आया है. जानकारी के मुताबिक अलवर जिले के किशनगढ़ बास थाना क्षेत्र के अंतर्गत साहूबास निवासी मुस्लिम गोपालक सुब्बा मेव पुत्र नसरू खां और उनकी पत्नी से गोरक्षकों के द्वारा पुलिस से मिलीभगत कर और उन्हें गोतस्कर बता कर जबरस्ती 51 से अधिक गायों को गोरक्षकों के द्वारा मुस्लिम गोपालक से गायों को जबरदस्ती छीनकर बम्बोरा गोशाला में पहुंचा दिया गया.

जानकारी के मुताबिक गोशाला से एक गाय जबरदस्ती भाग कर वापस आ गई थी. फिलहाल मेव परिवार के पास एक गाय और पंद्रह-बीस बछड़े-बछड़िया हैं. इधर भूख से परेशान गाय के बच्चों की हालत खराब है तो वहीं मुस्लिम परिवार का धंधा ठप्प पड़ा हुआ है. अपनी गायों को वापस पाने के लिए वह दर-दर की ठोकरें खाता फिर रहा है.

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यह घटना 3 अक्टूबर की है और 12 दिन बाद भी मुस्लिम परिवार को उसकी गाय नहीं दी जा रही है. जबकि किसान परिवार से जुड़ा सुब्बा मेव के घर पर दुधारू गायों के बछड़े-बछड़िया अपनी मां के दूध के इंतजार में कई दिनों से भूख-प्यास से तड़प रहे हैं.

थानाधिकारी किशनगढ़ बास चांद सिंह राठौड़ का कहना है कि शिकायत और सूचना मिली की गांव वाले एकत्रित हो रहे हैं. उसके बाद मौके पर पहुंचे और गायों को गोशाला पहुंचाया गया. एसडीएम के आदेश पर जांच की जा रही है.

गांव वालों का कहना है कि सुब्बा मेव के पास कुल 52 गायें और बछड़े-बछड़ियां मौजूद हैं और वह कई वर्षों से गोपालन करता है और दूध का व्यवसा करता है. गांव वालों के मुताबिक सुब्बा मेव रोजाना करीब 100 किलो गाय का दूध बेचता है.

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