रविवार को पंजाब में 8 नगर निगमों, 109 नगर परिषदों और नगर पंचायतों के लिए 63% से अधिक वोट पड़े. लेकिन इन निकाय चुनाव (Punjab Civic Body Polls) के दौरान कई जगहों पर हिंसक घटनाएं देखने को मिलीं. सत्तारूढ़ कांग्रेस और विपक्षी अकाली दल और आम आदमी पार्टी (आप) के बीच एक दर्जन से अधिक हिंसक झड़पें हुईं. निकाय चुनाव के नतीजे 17 फरवरी को घोषित किए जाएंगे.
पंजाब के बठिंडा में निकाय चुनाव में 66.93% बरनाला में 60.18% और फाजिल्का में 60.3 % मतदान हुआ. जबकि राज्य में कुल 63% से अधिक वोट पड़े. हालांकि, अकाली दल और आप ने सत्तारूढ़ कांग्रेस पर सरकारी मशीनरी का गलत इस्तेमाल करने का आरोप लगाया है.
इन चुनावों में बूथ कैप्चरिंग, फर्जी मतदान, झड़प सहित हिंसा की एक दर्जन से अधिक घटनाएं हुईं. तरनतारन के पट्टी इलाके के वार्ड नंबर सात में कांग्रेस और आम आदमी पार्टी के कार्यकर्ताओं के बीच हिंसक झड़प हुई. पुलिस ने दोनों पक्षों के समर्थकों को तितर-बितर करने के लिए मामूली बल प्रयोग किया. हालांकि, APP समर्थक मनवीर सिंह ने पुलिस पर सत्तारूढ़ कांग्रेस के प्रभाव में काम करने का आरोप लगाया. और विपक्ष के कार्यकर्ताओं को पीटने का आरोप लगाया.
एसएसपी तरनतारन धरमन एच निंबले ने AAP समर्थक मनवीर सिंह द्वारा लगाए गए आरोपों का खंडन किया. उन्होंने कहा कि पुलिस ने गोलीबारी का सहारा नहीं लिया. बिना भेदभाव के काम किया गया है. इस बीच, पुलिस ने तरनतारन में मतदान केंद्र के बाहर हंगामा करने के लिए कुछ AAP कार्यकर्ताओं को भी हिरासत में लिया.
अबोहर के वार्ड नंबर 49 में भी हिंसा की खबर है. आम आदमी पार्टी के कार्यकर्ता बूथ कैप्चरिंग का आरोप लगाते हुए मतदान केंद्र से बाहर आ गए. कांग्रेस और बीजेपी के कार्यकर्ताओं के बीच भी कथित रूप से झड़प हुई. मुक्तसर के वार्ड नंबर 18 में भी हिंसा हुई, जिसमें वार्ड नंबर 4 के कांग्रेस उम्मीदवार और पूर्व नगर पालिका परिषद के उपाध्यक्ष यदविंदर सिंह और उनके समर्थक घायल हो गए. मामले में पुलिस ने अकाली दल के उम्मीदवार टेकचंद बत्रा और उनके बेटे को यदविंदर को गिरफ्तार किया है.
उधर, कांग्रेस समर्थकों पर राजपुरा में एक बूथ पर कब्जा करने का भी आरोप है. जहां विपक्षी दलों के पोल एजेंटों को कथित रूप से पोल केंद्र से बाहर कर दिया गया और ईवीएम में मनमानी की गई. वहीं, पुलिस ने बठिंडा नगर निगम के वार्ड नंबर 14 से 14 अज्ञात लोगों को गिरफ्तार किया है. ये लोग कथित रूप से फर्जी वोट डालने की कोशिश कर रहे थे.
जबकि, बीजेपी नेता सुखपाल सिंह सारा ने आरोप लगाया कि गिरफ्तार किए गए लोग कांग्रेस के गुंडे थे, जिन्हें बाद में रिहा कर दिया गया. मामले में उन्होंने पंजाब के वित्त मंत्री मनप्रीत सिंह बादल के खिलाफ एक लिखित शिकायत दर्ज कराई है.
जगराओं, लुधियाना के वार्ड नंबर तीन में भी झड़पें हुईं. यहां AAP, कांग्रेस और एक निर्दलीय उम्मीदवार के समर्थक एक दूसरे पर फर्जी मतदान का आरोप लगाते हुए भिड़ गए. रूप नगर के वार्ड नंबर 14 में भी कांग्रेस और अकाली दल के कार्यकर्ता आपस में भिड़ गए. अकाली दल और कांग्रेस कार्यकर्ताओं के बीच सुल्तानपुर लोधी के वार्ड नंबर 11 में भी हिंसा हुई.
गौरतलब है कि चुनाव के दौरान 19000 पुलिस अधिकारियों के अलावा, 20510 सरकारी अधिकारी विभिन्न मतदान केंद्रों में तैनात थे. चुनावी मैदान में कुल 9222 लोग उतरे थे. जिनमें से 2832 निर्दलीय प्रत्याशी थे. कांग्रेस ने 2027 उम्मीदवारों को मैदान में उतारा तो AAP ने 1606 को चुनाव लड़ाया. वहीं अकाली दल ने 1569, BJP ने 1003 और बसपा ने 160 को मैदान में उतारा.