पंजाब के एक एसएसपी ने अपनी बेटी को MBBS में दाखिला दिलाने के लिए खुद को आतंकवादियों द्वारा एनकाउंटर में मारा गया घोषित करवा दिया. जब एसएसपी की बेटी दाखिला लेने पहुंची तो यूनिवर्सिटी ने दस्तावेजों की जांच की और झूठ पकड़ा गया. मामला तरनतारन का है.
एसएसपी का नाम राजजीत सिंह हुंडल है. उनकी बेटी सुखमणि हुंडल बाबा फरीद यूनिवर्सिटी ऑफ हेल्थ साइंसेज, फरीदकोट में दाखिला लेना चाहती थी. यूनिवर्सिटी के नियमों के अनुसार, आतंकवाद और दंगा प्रभावित लोगों को दाखिले में 2 प्रतिशत सीटों पर आरक्षण मिलता है. सुखमणि हुंडल इसी आरक्षण का गलत लाभ उठाने की कोशिश में थी.
सुखमणि ने यूनिवर्सिटी में होशियारपुर के उपायुक्त वरुण रूजाम की ओर से जारी एक प्रमाण-पत्र प्रस्तुत किया, जिसमें लिखा गया था कि राजजीत सिंह हुंडल पंजाब में हुई एक आतंकवादी वारदात के दौरान मारे गए थे. यह सर्टीफिकेट जून में जारी किया गया था.
उधर, उपायुक्त वरुण रूजाम ने कहा है कि वह इस प्रमाण-पत्र की वापसी के निर्देश देने वाले हैं. इस गलती को उन्होंने 'कार्यालय की गलती' करार देते हुए कहा कि दोषियों के खिलाफ सख्त एक्शन लिया जाएगा.
मामला बुधवार को सामने आया. इसके बाद मीडिया ने जब तरनतारन के एसएसपी राजजीत सिंह से पूछा तो उन्होंने कहा कि यह विश्वविद्यालय की गलतफहमी है. उन्होंने कभी खुद को मरा हुआ घोषित नहीं किया. एसएसपी ने कहा कि उन्होंने तो यह दावा किया था कि उनका संबंध एक आतंकवाद प्रभावित परिवार से हैं, क्योंकि उनकी मां और बहन ने 1991 में आतंकवादियों के हाथों जान गंवाई थी.
इसके बाद शनिवार को दिनभर मीडिया के लोग उनसे संपर्क साधने में लगे रहे, लेकिन न वे सीधे सामने आकर मिले और न ही फोन पर उपलब्ध हुए. तस्वीर में जो सर्टीफिकेट है, यह वही है, जिसे सुखमणि हुंडल ने पेश किया था और इसमें बहुत साफ साफ लिखा है कि राजजीत सिंह आतंकी घटना में मारे गए थे.