कर्जमाफी के मुद्दे पर पंजाब में सत्ता में आई कांग्रेस पंजाब के किसानों के दो लाख रुपये तक के कर्ज माफ करने की बात कह रही थी, लेकिन पंजाब के संगरूर में एक किसान जसवीर सिंह के महज 5 रुपये का कर्ज माफ कर किसान के साथ पंजाब सरकार ने एक मजाक किया. उसके दुख को और बढ़ा दिया है. कर्ज माफ़ी के ऐलान के बाद परिवार को काफी उम्मीद थी कि उनका कर्ज माफ़ हो जाएगा, पर गांव में लगी लिस्ट देख होश उड़ गए.
खबर जिला संगरूर के गांव कोलसेड़ी की है, जहां पर पंजाब सरकार की ओर से 5 बीघा जमीन के मालिक किसान जसवीर सिंह के 5 रुपये का कर्ज माफ कर एक अनोखा रिकॉर्ड बना दिया गया है. गांव के ज्यादातर किसानों के पास 5 बीघा से लेकर 15 बीघा ही जमीन है, जिसके चलते तकरीबन सभी किसानों के नाम पंजाब सरकार की कर्जमाफी की लिस्ट में आने चाहिए थे, लेकिन जो लिस्ट गांव में लगाई गई उसमें महज 21 लोगों के नाम ही दर्ज किए गए हैं.
उससे भी बड़ी बात यह कि लिस्ट में ग्यारहवें नंबर पर किसान जसवीर सिंह का नाम है, जिसके नाम के आगे कर्ज माफी की जो रकम दी गई है, वह हैरान करने वाली है. 11 वें नंबर पर महज 5 रुपये लिखा नजर आता है. किसान जसबीर सिंह पांच बीघा जमीन के मालिक हैं. सरकार किसानों के कर्जमाफ़ी को अपने चुनावी वायदे पूरा करने की बात कर अपनी बड़ी उपलब्धि बता रही है. पर असल सचाई सब के सामने है, किसी के चंद रुपये माफ हुए हैं तो किसी का कर्ज ही माफ़ नहीं हुआ है. ऐसे लोग कर्जमाफ़ी की लिस्ट को बार-बार देख रहे है.
जसवीर के पिता बलबीर सिंह ने कहा कि हमारे घर में तीन लोग हैं, जिन्होंने बैंक से लगभग 65000 का कर्ज लिया है और हमारे पास कुल 4. 5 एकड़ जमीन है, जिसमें से सरकार ने महज 5 रुपये माफ कर हमारे साथ एक भद्दा मजाक किया है और हम बहुत परेशान हैं.
गांव के मुखिया धर्मेंद्र सिंह ने कहा, 'हमारे गांव में ज्यादातर किसान के पास बहुत कम जमीन हैं हमारे गांव के महज 21 लोगों के नाम कर्जमाफ़ी की लिस्ट में आया है. यह सरकार की महज खानापूर्ति है, उसमे भी एक किसान का कर्ज 5 रुपये माफ़ किया है , पंजाब सरकार की लिस्ट में पूरे गांव के 21 किसानों का नाम आना और किसान जसवीर सिंह के 5 रुपये का बिल माफ करना किसानों के साथ भद्दा मजाक है.'
गांव के ही किसान हाकम सिंह ने कहा कि उनके पास पास ढाई एकड़ जमीन है और 67 हज़ार का कर्ज है पर सरकार ने उनका कर्ज माफ़ नहीं किया, जबकि चुनाव से पहले पहले 2 लाख तक कर्जमाफ़ी की बात की थी. रूपए और 7 रूपए किया है यह बहुत गलत है
गांव में किसानों को खेती के लिए कर्ज देने वाली कोऑपरेटिव सोसाइटी के सेक्रेटरी से जब इस मामले पर बात की गई तो उन्होंने कहा कि हमारी ओर से पंजाब सरकार को तकरीबन 2 गांव की 500 के करीब किसानों की लिस्ट भेजी गई थी जिसमें से इस गांव के केवल 21 लोगों के नाम ही इस लिस्ट में सामने आए हैं.
स्थानीय एसडीएम ने कहा कि अभी कर्जा माफ़ी की पहली सूची लगाई गई है, उसमें जो कमी है उसके लिए ऑब्जेक्शन मांगे गए है और जिनका नाम इस सूची में नहीं आया, वह दूसरी सूची का इंतज़ार करे.