पंजाब के शिक्षा मंत्री हरजोत सिंह बैंस श्रीनगर में आयोजित गुरु तेग बहादुर जी के 350वें शहीदी दिवस के विवादास्पद कार्यक्रम को लेकर चर्चा में आए थे. अब उन्हें सिखों की सर्वोच्च धार्मिक संस्था श्री अकाल तख्त साहिब के समक्ष पेश किया गया जहां उन्होंने स्पष्टिकरण दिया. यहां उन्हें तन्खैय्या (धार्मिक मर्यादा के उल्लंघन का आरोपी) घोषित किया गया.
हरजोत सिंह को सुनाई गई धर्मिक सजा
साथ ही उन्हें धार्मिक सजा भी सुनाई गई है. इसके अनुसार हरजोत सिंह गुरु तेग बहादुर जी के जन्म स्थान गुरुद्वारा गुरु के महल पैदल जाएंगे और रास्ते ठीक करवाएंगे. वे गुरुद्वार वल्लाह में 100 मीटर पैदल चलके जाएंगे और वहां विकास कार्य करवाएंगे. इसके अलावा वे बाबा बकाला में भी 100 मीटर चलकर जाएंगे और वहां विकास कार्य करवाएंगे.
आनंदपुर साहिब में जूते घर में दो दिन सेवा
एक और सजा में वे गुरुद्वारा सीस गंज साहिब जाएंगे और आनंदपुर साहिब में जूते घर में दो दिन सेवा करेंगे और 1100 रुपए का प्रसाद करवाएंगे.
क्या है मामला?
दरअसल, श्रीनगर में आयोजित गुरु तेग बहादुर जी के 350वें शहीदी दिवस के विवादास्पद कार्यक्रम में नृत्य और गीतों के आयोजन से सिख संगत की भावनाएं आहत हुई थीं, जिसके चलते अकाल तख्त ने उन्हें तलब किया था.