पंजाब सरकार ने लड़कियों के स्कूलों में 50 साल से ऊपर के ही टीचर्स को रखने का आदेश दिया है. सरकार के इस कदम का शिक्षक वर्ग ही काफी विरोध कर रहा है. उनका तर्क है कि इससे टीचर्स की इमेज खराब हो रही है.
इंडियन एक्सप्रेस की खबर के अनुसार, सरकारी शिक्षक संघ पंजाब के महासचिव कुलदीप ने कहा कि ऐसे नियमों से शिक्षकों की छवि खराब होती है. हम इसके खिलाफ सरकार को जल्दी ही ज्ञापन देंगे. यह निर्णय पुरुष शिक्षकों की प्रतिष्ठा पर धब्बा है. अगर कोई किसी बात का दोषी है तो उसे सजा दिया जाए, लेकिन पूरे पुरुष वर्ग की शराफत पर सवाल उठाना उचित नहीं है. हम किस तरह के समाज में रह रहे हैं. यह तो बहुत ही संकीर्ण सोच है.
शिक्षा गांरटी योजना संघ के राज्य प्रमुख निशांत कुमार ने सवाल किया कि आखिर यह कैसे कहा जा सकता है कि 50 साल से कम के शिक्षक लड़कियों के लिए सुरक्षित नहीं हैं. यह शर्त हास्यास्पद है और इसे तत्काल खत्म किया जाए नहीं तो हम लोग विरोध करेंगे.
दिलचस्प यह है कि खुद महिला शिक्षक इस निर्णय का समर्थन नहीं कर रहीं. एक गर्ल्स स्कूल की प्रिंसिपल ने कहा, 'यह सरकार का अच्छा कदम नहीं है. इससे स्कूलों का काम प्रभावित होगा, क्योंकि कई ऐसे काम है जो आमतौर पर पुरुष शिक्षक ही कर पाते हैं.' एक स्कूल टीचर ने कहा, 'स्टूडेंट्स को एजुकेशनल टूर पर ले जाने की व्यवस्था आदि जैसे आउटडोर काम पुरुष शिक्षकों को ही दिए जाते हैं.'