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पंजाब कांग्रेस में एक बार फिर से शुरू हुआ कैप्टन Vs सिद्धू, उठी कार्रवाई की मांग

नवजोत सिंह सिद्धू के एडवाइजरों के द्वारा कश्मीर को भारत से अलग बताने और पाकिस्तान के समर्थन में दिए गए बयानों को लेकर पंजाब सीएम ऑफिस की तरफ से एक प्रेस नोट जारी किया गया है.

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नवजोत सिंह सिद्धू (फाइल फोटो)
नवजोत सिंह सिद्धू (फाइल फोटो)
स्टोरी हाइलाइट्स
  • सिद्धू के एडवाइजर के बयान पर विवाद
  • CM ऑफिस की ओर से लीगल कार्रवाई की मांग

नवजोत सिंह सिद्धू के एडवाइजरों के द्वारा कश्मीर को भारत से अलग बताने और पाकिस्तान के समर्थन में दिए गए बयानों को लेकर पंजाब सीएम ऑफिस की तरफ से एक प्रेस नोट जारी किया गया है. जिसमें कैप्टन खेमे के कैबिनेट मंत्री ब्रह्म मोहिंद्रा, विजय इंदर सिंगला, भारत भूषण आशू, बलबीर सिद्दू, साधु सिंह धर्मसोत और पंजाब सरकार के प्रवक्ता राजकुमार वेरका ने नवजोत सिंह सिद्धू के एडवाइजरों के द्वारा एंटी-नेशनल और पाकिस्तान के समर्थन में किए गए कमेंट्स को लेकर उनके खिलाफ लीगल कार्रवाई की मांग की है. 

इसके अलावा उन्होंने कांग्रेस हाईकमान से मांग की है कि वो सिद्धू से कहें कि वो पार्टी और राष्ट्रहित में अपने एडवाइजर मालविंदर सिंह माली और प्यारे लाल गर्ग से अलग हो जाएं. पंजाब कांग्रेस के नेताओं ने दिवंगत प्रधान मंत्री इंदिरा गांधी का एक विवादास्पद और अत्यधिक आपत्तिजनक स्केच पोस्ट करने के लिए माली की भी निंदा की, इसे उनके पार्टी विरोधी रुख का एक और उदाहरण बताया.

वहीं पंजाब कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष नवजोत सिंह सिद्धू ने पंजाब प्रदेश कांग्रेस कमेटी के कार्यालय में पार्टी के लोगों से मुलाक़ात की. उन्होंने मुलाक़ात के बारे में जानकारी देते हुए ट्वीट किया कि त्रिपत बाजवा जी का फोन आया जिसमें उन्होंने आपात बैठक बुलाने के लिए कहा, पीपीसीसी कार्यालय में अन्य साथियों के साथ उनसे मुलाकात की. उन्होंने आगे लिखा कि आलाकमान को स्थिति से अवगत कराएंगे.

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इससे पहले बीजेपी नेता विनीत जोशी ने भी माली के बयान की आलोचना की और माली के खिलाफ एक्शन की मांग की. उन्होंने कहा कि इससे पता चलता है कि ये लोग पंजाब को किस ओर ले जा रहे हैं. कई लोगों ने कश्मीर के लिए शहादत दी है. उनका यह बयान शहीदों के परिवार का अपमान है.

सिद्धू की ओर से माली के ट्वीट को लेकर कोई प्रतिक्रिया नहीं आई है. वहीं सरकार के प्रवक्ता और सीएम अमरिंदर के करीबी राजकुमार वरका ने माली को नफरत ना फैलाने की सलाह दी और कहा कि मुझे लगता है कि कश्मीर का मुद्दा संवेदनशील है. किसी को भी ऐसे कमेंट से बचना चाहिए. मैंने जानता हूं कि उन्होंने ऐसा बयान किस संदर्भ में दिया है लेकिन उन्हें मर्यादा का ध्यान रखना चाहिए.

 

 

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