इन नेताओं का आरोप है कि पंजाब में माफिया राज काम कर रहा है. भ्रष्ट अधिकारी और सत्ताधारी पार्टी के नेता माफिया के आगे नतमस्तक होकर प्रदेश की अर्थव्यवस्था और कानून व्यवस्था का बंटाधार कर रहे हैं. अवैध शराब, जहरीली शराब, ड्रग, केबल, ट्रांसपोर्ट और खनन माफिया सरकारी खजाने को खाली कर चुका है. राज्य सरकार कर्मचारियों की तनख्वाह मैं कटौती कर रही है. खजाना खाली है और सरकार के पास केंद्र सरकार के आगे हाथ फैलाने के अलावा कोई चारा नहीं बचा है. जिन समस्याओं को मुद्दा बनाकर कांग्रेस ने सत्ता का सफर तय किया, आज वो खुद उन्हीं समस्याओं में उलझ गई है.
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पंजाब कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष प्रताप सिंह बाजवा और शमशेर सिंह दूलो ने दावा किया है कि वे मुख्यमंत्री से कई बार माफिया राज को लेकर चेताया, लेकिन उनकी शिकायतों को नजरअंदाज कर दिया गया. इससे पहले प्रसिद्ध हॉकी खिलाड़ी और विधायक परगट सिंह और विधायक अमरिंदर सिंह राजा वडिंग भी पंजाब में चल रहे माफिया राज की बात कर चुके हैं.ये भी पढ़ें- मौत का जामः क्या होती है जहरीली शराब, कैसे हो जाती है जानलेवा
इसी साल फरवरी महीने में परगट सिंह ने मुख्यमंत्री को बाकायदा पत्र लिखकर माफिया राज की बात की और कहा था कि सरकार अच्छी तरह से काम नहीं कर रही है. इसके अलावा विधायक अमरिंदर सिंह राजा वडिंग ने हाल ही में कहा था कि पिछले 3 साल में राज्य सरकार को 600 करोडं रुपये से ज्यादा राजस्व का चूना लगा है और इसके लिए जिम्मेदार अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई की जानी चाहिए.नवजोत सिंह सिद्धू भी माफिया राज की बात करके कैप्टन अमरिंदर सिंह कैंप के नेताओं के निशाने पर आ गए थे. फिलहाल कांग्रेस के नेता इन आरोपों से कन्नी काट रहे हैं. पार्टी के प्रवक्ता डॉक्टर राजकुमार वेरका ने कहा है कि सरकार राजनीति के आधार पर नहीं, गुण दोष के आधार पर कार्रवाई कर रही है. जहरीली शराब के कारण 100 से अधिक लोगों की मौतों के बाद अब पुलिस की कार्यशैली पर भी सवाल उठ रहे हैं, लेकिन मुख्यमंत्री डीजीपी की तरफदारी कर रहे हैं. सरकार पुलिस अधिकारियों की जिम्मेदारी तय करने के साथ ही मौत के सौदागरों पर हाथ डालने से कतरा रही है.