पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह अभी तक नवजोत सिंह सिद्धू के इस्तीफे पर कोई फैसला नहीं ले सके हैं. जबकि सिद्धू के इस्तीफे को सार्वजनिक हुए एक सप्ताह से ज्यादा का समय गुजर चुका है. इसके बाद भी कैप्टन ने अभी तक इस्तीफे को स्वीकार नहीं किया है. ऐसे में सवाल है कि कैप्टन किस वजह से अभी तक कोई निर्णय नहीं ले पा रहे हैं.
दरअसल कैप्टन अमरिंदर सिंह अभी तक सिद्धू के इस्तीफे को लेकर असमंजस की स्थिति में हैं. इसी के चलते कैप्टन दिल्ली से चंडीगढ़ पहुंच चुके हैं. मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह ने दिल्ली में मीडिया से बात करते हुए कहा था कि वह चंडीगढ़ जाकर सिद्धू के इस्तीफे को पढ़ेंगे और उसके बाद ही उस पर कोई फैसला लेंगे. बुधवार देर शाम मुख्यमंत्री दिल्ली से लौटकर चंडीगढ़ पहुंच चुके हैं. इसके बाद भी अभी तक किसी तरह का फैसला नहीं लिया.
दरअसल, छह जून को सीएम कैप्टन अमरिंदर सिंह ने मंत्रिमंडल में फेरबदल करते हुए सिद्धू से स्थानीय निकाय और पर्यटन विभाग लेकर उन्हें ऊर्जा और नवीनीकरण ऊर्जा मंत्रालय की जिम्मेदारी सौंपी थी. इसके दो दिन बाद सीएम ने सरकार की महत्वपूर्ण योजनाओं की नियमित समीक्षा के लिए कुछ समितियां गठित कीं, लेकिन किसी भी में सिद्धू को जगह नहीं दी गई.
विभाग बदले जाने से सिद्धू ने नाराज हो गए और उन्होंने एक महीने से ज्यादा समय गुजर जाने के बाद भी अब तक अपना कार्यभार नहीं संभाला था. इसके बाद सिद्धू ने ट्वीट करके इस्तीफे की जानकारी दी थी. उनके ट्विटर पर पोस्ट किए गए इस्तीफे पर दस जून की तारीख है, जो ऑल इंडिया कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष को संबोधित किया गया है. इसमें लिखा है कि वह पंजाब कैबिनेट में मंत्री के पद से इस्तीफा दे रहे हैं और उन्होंने पंजाब सीएम कैप्टन अमरिंदर सिंह को भी अपना इस्तीफा भेजा दिया है.
सिद्धू पर लगातार यह दबाव बढ़ रहा था कि वह या तो कार्यभार संभालें या फिर इस्तीफा दें. विपक्षी दल तो हमले बोल ही रहे थे, सरकार के मंत्रियों ने भी कहना शुरू कर दिया था कि सिद्धू को अब कार्यभार संभालना चाहिए. इसके बाद उन्होंने अपना इस्तीफा सार्वजनिक कर दिया.