पंजाब के पूर्व मुख्यमंत्री प्रकाश सिंह बादल का पार्थिव शरीर बुधवार को मुक्तसर जिले में स्थित उनके पैतृक गांव बादल लाया गया. उनका अंतिम संस्कार गुरुवार दोपहर किया जाएगा. दिवंगत बादल के पैतृक गांव जाने के रास्ते में सैकड़ों लोगों ने पुष्पांजलि अर्पित की. लोग हाथों में 'प्रकाश सिंह बादल अमर रहे' के नारे लिखे प्लेकार्ड लेकर खड़े थे.
बुधवार को बादल गांव में मातम पसरा रहा. सम्मान स्वरूप सभी दुकानें बंद रहीं. पूर्व मुख्यमंत्री को अंतिम श्रद्धांजलि देने समर्थक, रिश्तेदार, कैबिनेट सहयोगी, अधिकारी बादल गांव पहुंच रहे हैं. उनके निधन पर पंजाब सरकार के अलावा बिहार सरकार ने राजकीय शोक घोषित किया है.
पीएम नरेंद्र मोदी, हरियाणा के सीएम एमएल खट्टर, प्रकाश सिंह बादल के दोस्त और हरियाणा के पूर्व सीएम ओपी चौटाला, पंजाब के पूर्व सीएम चरनजीत चन्नी, एसजीपीसी की पूर्व प्रमुख बीबी जगीर कौर, विजय रूपाणी, सुनील जाखड़ सहित अन्य भाजपा नेताओं ने अंतिम दर्शन किए.
मंगलवार रात बादल का निधन हो गया. वो 95 साल के थे. वे 94 साल की उम्र तक राजनीति में सक्रिय रहे थे. पांच बार पंजाब के मुख्यमंत्री रहे प्रकाश सिंह बादल ने शिरोमणि अकाली दल की स्थापना की थी. 2008 में उन्होंने अकाली दल की कमान अपने बेटे सुखबीर सिंह बादल को सौंप दी थी. सुखबीर सिंह बादल अपने पिता प्रकाश सिंह बादल की सरकार में डिप्टी सीएम भी रहे.
10 बार जीते थे विधानसभा चुनाव
वरिष्ठ अकाली दल नेता प्रकाश सिंह बादल पांच बार पंजाब के मुख्यमंत्री रहे. उन्होंने 10 बार विधानसभा चुनाव में जीत हासिल कर चुके थे. शिरोमणि अकाली दल के अध्यक्ष सुखबीर बादल उनके बेटे हैं. प्रकाश सिंह बादल ने 2022 में पंजाब विधानसभा का चुनाव लड़ा था. वह चुनाव लड़ने के बाद सबसे अधिक उम्र के उम्मीदवार थे. इसी के बाद उन्होंने राजनीति से एकतरह से दूरी बना ली थी.
बादल ने साल 1947 में राजनीति शुरू की थी. उन्होंने सरपंच से सीएम तक का सफर तय किया था. उन्होंने 1957 में सबसे पहला विधानसभा चुनाव लड़ा था. इसके बाद वह 1969 में चुनाव जीते. इसके बाद वह 1970-71, 1977-80, 1997-2002 में पंजाब के सीएम थे. सांसद भी चुने गए. बादल 1996 से 2008 तक अकाली दल के अध्यक्ष थे.