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पंजाबः कांग्रेस में शामिल हुए मनप्रीत बादल

पंजाब में कांग्रेस ने अपनी जमीन मजबूत करने के लिए प्रकाश सिंह बादल के भतीजे और पंजाब पीपुल्स पार्टी चीफ मनप्रीत बादल को अपने साथ मिला लिया है. मनप्रीत ने अपनी पार्टी का विलय कांग्रेस में कर दिया है.

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मनप्रीत बादल
मनप्रीत बादल

पंजाब में विधानसभा चुनाव से पहले कांग्रेस को मजबूती मिली है. प्रकाश सिंह बादल के भतीजे मनप्रीत बादल अब कांग्रेस में शामिल हो गए हैं. उन्होंने अपनी पंजाब पीपुल्स पार्टी का विलय कांग्रेस में कर लिया है. मनप्रीत ने 2011 में प्रकाश सिंह बादल के शिरोमणि अकाली दल (SAD) से अलग होकर पंजाब पीपुल्स पार्टी बना ली थी.

चार बार MLA रह चुके मनप्रीत
मनप्रीत चार बार एमएलए चुने जा चुके हैं. हालांकि 2012 के पिछले चुनाव में वह जीत नहीं पाए थे. उन्होंने भाकपा और शिअद (लोंगोवाल) के साथ मिलकर सांझा मोर्चा बनाया था. लेकिन चुनाव में इस मोर्चे का वोट शेयर महज 6 फीसदी ही रह गया था. मनप्रीत ने जब शिअद से रास्ते अलग किए थे तो वह बादल सरकार में वित्त मंत्री थे.

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राहुल से मिलने आए थे दिल्ली
कांग्रेस प्रवक्ता शकील अहमद ने आधिकारिक तौर पर इस विलय का ऐलान किया. मनप्रीत गुरुवार शाम कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी से मिले थे . इसके बाद शुक्रवार सुबह राहुल गांधी से भी उनकी मुलाकात हुई. इसके बाद ही उनके कांग्रेस में शामिल होने की खबर आई. 

5 बातों से समझिए किसे कितना फायदा

  1. कांग्रेस का मुकाबला अबकी बार BJP-SAD के अलावा AAP से भी है. BJP-SAD को 2012 में 42 फीसदी वोट मिले थे, जबकि कांग्रेस को 40 फीसदी.
  2. अब यदि कांग्रेस अबकी बार भी कम से कम इतना ही वोट शेयर बनाए रखे और इसमें पीपीपी का 6 फीसदी भी मिल जाए तो उसे बढ़त मिल सकती है.
  3. लेकिन आम आदमी पार्टी का वोट शेयर लोकसभा चुनाव में तीसरा सबसे ज्यादा 24 फीसदी था. यानी आप इस बार कांग्रेस और बीजेपी दोनों के वोट काटेगी. 
  4. मनप्रीत 1995 से 2007 तक लगातार चार बार गिद्दड़बाहा से विधायक चुने गए. 2012 में मनप्रीत के SAD से अलग होने के बाद यह सीट कांग्रेस ने ही जीती. 
  5. अब कांग्रेस मनप्रीत का इस्तेमाल बादल परिवार के खिलाफ करेगी. पंजाब का ट्रेंड भी हर बार सत्ता परिवर्तन का रहा है. ऐसे में कांग्रेस को फायदा मिल सकता है.

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