ड्रग्स केस में पकड़ा गया है बॉक्सर विजेंदर का झूठ. ये सच नहीं कि ड्रग्स तस्कर अनूप सिंह कहलो से विजेंदर की जान-पहचान नहीं है. आज तक के हाथ वो सबूत लगे हैं जिससे साबित होता है कि विजेंदर न सिर्फ कहलों को जानते हैं बल्कि अच्छे से जानते हैं.
बेनकाब हो चुका है बॉक्सर विंजेंदर का झूठ. हरदम साथ रहने वाला मोबाइल ही बन गया है बॉक्सर विजेंदर का सबसे बड़ा दुश्मन और दे गया है ड्रग्स के दलदल में विजेंदर के सिर तक धंसे होने के पूरे सबूत.
आज तक के पास वो सबूत हैं जिससे साबित होता है कि विजेंदर ड्रग तस्कर अनूप सिंह कहलों को न सिर्फ जानता था, बल्कि उससे ऐसे संपर्क में था जैसे दोस्त आपस में संपर्क में रहते हैं.
पंजाब पुलिस का दावा है कि बॉक्सर विजेंदर और ड्रग तस्कर अनूप सिंह कहलो के बीच 80 बार बातचीत हुई है. आज तक के पास हैं विजेंदर और कहलो के बीच बातचीत के रिकॉर्ड्स.
12 अगस्त 2012 को शाम 6 बजकर 5 मिनट 52 सेकंड पर तस्कर अनूप सिंह कहलो के मोबाइल से मैसेज विजेंदर के मोबाइल पर आता है. उसके तुरंत बाद शाम 6 बजकर 6 मिनट 1 सेकंड पर विजेंदर भी अनूप को मैसेज भेजते हैं. मैसेज भेजने के तुरंत बाद शाम 6 बजकर 9 मिनट 55 सेकंड पर विजेंदर खुद अनूप सिंह कहलो को फोन भी करते हैं. दोनो के बीच करीब 92 सेकंड यानी डेढ़ मिनट बातचीत होती है.
22 अगस्त 2012 को वक्त दोपहर 1 बजकर 24 मिनट, 41 सेकंड पर विजेंदर के मोबाइल से अनूप सिंह कहलो के मोबाइल पर कॉल जाती है. इस बार दोनों नंबरों के बीच 60 सेकंड की बातचीत होती है. विजेंदर के फोन के बाद शाम 3 बजकर 10 मिनट और 43 सेकंड पर कहलो के फोन से विजेंदर के मोबाइल पर मैसेज भेजा जाता है. चंद सेकंड में ही यानी 3 बजकर 11 मिनट और 3 सेकंड पर कहलो के मैसेज का जवाब भेजा जाता है और फिर डेढ़ मिनट बाद ही 3 बजकर 13 मिनट और 26 सेकंड पर विजेंदर कहलो को फोन भी करते हैं. ये बातचीत 46 सेकंड की होती है.
विजेंदर और कहलो के मोबाइल के बीच मैसेज और कॉल के आदान-प्रदान का सिलसिला इतना लंबा है कि पूरा कॉल रिकॉर्ड्स बता पाना संभव नहीं लेकिन इन दोनों के बीच जैसी गहरी बातचीत अगस्त 2012 में हो रही थी, फरवरी 2013 में भी इसमें कमी नहीं आई, बल्कि बातचीत और गहरी हो गई.