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सरकार बनी तो 300 यूनिट बिजली फ्री, केजरीवाल के वादे से पंजाब में बढ़ी राजनीतिक बेचैनी

हालांकि इस घोषणा के बाद उनसे पूछा गया कि पंजाब में कई कैटेगरी के परिवारों को पहले से ही 200 यूनिट फ्री दी जा रही है. अगर इन कैटेगरी वालों की यूनिट 200 से ज्यादा आती है तो जितनी ज्यादा यूनिट है उतनी ही बिल दी जाती है. जबकि दिल्ली में 200 यूनिट से ज्यादा आने पर पूरा बिल लिया जाता है.

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केजरीवाल ने पंजाब में की महत्वपूर्ण घोषणा (फोटो- आजतक)
केजरीवाल ने पंजाब में की महत्वपूर्ण घोषणा (फोटो- आजतक)
स्टोरी हाइलाइट्स
  • केजरीवाल ने पंजाब में 24 घंटे बिजली देने का किया वादा
  • सरकार बनने पर 300 यूनिट फ्री देने का किया वादा

दिल्ली के मुख्यमंत्री और आम आदमी पार्टी के राष्ट्रीय संयोजक अरविंद केजरीवाल मंगलवार को पंजाब पहुंचे. उन्होंने एक कार्यक्रम के दौरान कहा कि 2022 विधानसभा चुनाव में अगर पंजाब में आम आदमी पार्टी की सरकार बनी तो पहले ही आदेश में प्रदेश वासियों को 300 यूनिट प्रति परिवार मुफ्त बिजली दी जाएगी. साथ ही ऐसे लोग जिनके पुराने बिजली के बिलों में कोई गड़बड़ी थी या फिर अधिक बिल आने की वजह से वे लोग बिल जमा नहीं कर पाए तो उनके पुराने सभी बकाए पूरी तरह से माफ कर दिए जाएंगे. इसके साथ ही 24 घंटे बिजली देने का भी वादा किया. 

हालांकि इस घोषणा के बाद उनसे पूछा गया कि पंजाब में कई कैटेगरी के परिवारों को पहले से ही 200 यूनिट फ्री दी जा रही है. अगर इन कैटेगरी वालों की यूनिट 200 से ज्यादा आती है तो जितनी ज्यादा यूनिट है उतनी ही बिल दी जाती है. जबकि दिल्ली में 200 यूनिट से ज्यादा आने पर पूरा बिल लिया जाता है. ऐसे में केजरीवाल पंजाब वाला पैटर्न लागू करेंगे या दिल्ली वाला?

इसके जवाब में केजरीवाल ने कहा कि दिल्ली वाले पैटर्न पर ही पंजाब में 300 यूनिट बिजली फ्री दी जाएगी. यानी कि अगर 300 यूनिट से ज्यादा खर्च किया तो पूरे यूनिट (300 यूनिट+जितना ज्यादा गया) का बिल देना होगा. अरविंद केजरीवाल ने दावा किया कि आम आदमी पार्टी के ऐलान से पंजाब के 77 से 80% जनता को फायदा मिलेगा. 

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बिजली सब्सिडी पर खर्च हो रहे हैं 10,668 करोड़ 

अगर पहले से ही पंजाब में दिए जा रहे सब्सिडी के आंकड़ों पर नजर डालें तो यहां हर साल एग्रीकल्चर सब्सिडी के लिए किसानों पर 6735 करोड़ से ज्यादा रुपए खर्च किए जाते हैं और उन्हें मुफ्त बिजली दी जाती हैं. एससी-एसटी परिवारों को हर साल करीब 1339 करोड़ रुपए की बिजली सब्सिडी दी जाती है. वहीं गरीबी रेखा से नीचे रहने वाले परिवारों को हर साल करीब ₹75 करोड़ की सब्सिडी दी जाती है. बैकवर्ड क्लास से जुड़े परिवारों को करीब 212 करोड़ रुपए की सब्सिडी सालाना दी जाती है. ऐसे लोग जिन्होंने स्मॉल पावर कनेक्शन ले रखे हैं और जिनकी बिजली की खपत बहुत कम है उन्हें करीब 141 करोड़ रुपए की सब्सिडी दी जाती है.

फ्रीडम फाइटर कोटे में करीब ₹400000 की सब्सिडी दी जाती है. मीडियम सप्लाई कंज्यूमर्स को करीब 196 करोड़ की सब्सिडी दी जाती है. एलएस सप्लाई कंज्यूमर्स को हर साल करीब 1928 करोड़ रुपए की बिजली सब्सिडी दी जाती है और ये पूरा आंकड़ा सालाना करीब 10,668 करोड़ रुपए के करीब है.

जबकि पंजाब सरकार और अकाली दल का दावा है कि दिल्ली में जब से अरविंद केजरीवाल आए हैं तब से अब तक सिर्फ 7000 करोड़ की ही बिजली सब्सिडी दी गई है.

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केजरीवाल के वादे पर मची खलबली

वहीं अकाली दल के छात्र संगठन 'स्टूडेंट ऑर्गेनाइजेशन ऑफ इंडिया' ने चंडीगढ़ स्थित यूटी गेस्ट हाउस के बाहर अरविंद केजरीवाल के खिलाफ प्रदर्शन किया. छात्र संगठन ने कहा कि अरविंद केजरीवाल पंजाब की जनता से झूठे वादे कर रहे हैं. जैसा कि 2017 में कैप्टन अमरिंदर सिंह ने किया था. 

वहीं अकाली दल ने प्रेस कॉन्फ्रेंस करके अरविंद केजरीवाल को दिल्ली के व्यापारियों, किसानों और इंडस्ट्री को सस्ती बिजली देने का वादा याद दिलाया. उन्होंने कहा कि पहले वो दिल्ली वालों का वादा पूरा करे, फिर पंजाब के लोगों की बात करें.

इधर सत्ताधारी कांग्रेस ने अरविंद केजरीवाल को दिल्ली में करोना के हालात से लेकर मुफ्त बिजली और शिक्षा जैसे दावों की  याद दिलाई है. कुल मिलाकर अरविंद केजरीवाल का चंडीगढ़ दौरा और मुफ्त बिजली का ऐलान पंजाब में सियासी भूचाल लाने वाला है. 

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सूत्रों के मुताबिक अरविंद केजरीवाल के इस ऐलान के बाद अकाली दल और कांग्रेस पर भी पंजाब की जनता के लिए कुछ इसी तरह से मुफ्त बिजली देने जैसे ऐलान करने का भारी दबाव पड़ गया है.

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