अमृतसर ट्रेन हादसा बेहद दर्दनाक है. एक ट्रेन 100 की रफ्तार से दनदनाती हुई आई और रावण दहन देख रहे 60 लोगों को 10 से 12 सेकेंड के अंदर काटती हुई चली गई. इस घटना में प्रशासनिक लापरवाही के अलावा रेल प्रशासन पर भी सवाल उठ रहे हैं. सबसे बड़ा सवाल यही है कि आखिर इतनी बड़ी भीड़ देखने के बावजूद लोको पॉयलट ने ट्रेन की रफ्तार कम क्यों नहीं की?
लेकिन सवालों के बीच रेलवे ने ड्राइवर को क्लीन चिट दे दी है. फिरोजपुर के डीआरएम विवेक कुमार ने साफ-साफ कहा है कि लोको पॉयलट को ऐसे हालत में जो कदम उठाने चाहिए थे उसने उठाए. डीआरएम ने कहा कि जहां दुर्घटना हुई है वहां मोड़ है, लेकिन ट्रेन के इंजन की लाइट सीधी जा रही थी. आगे उन्होंने कहा कि जैसे ही ट्रेन ड्राइवर ने लोगों को देखा उसने स्पीड कम कर दी.
डीआरएम के मुताबिक ट्रेन में स्पीड रिकॉर्ड करने वाला एक यंत्र होता है, उसे देखने पर पता चला है कि ट्रेन की रफ्तार पहले 91 किमी प्रति घंटे थी जिसे घटाकर 68 किमी प्रति घंटे तक लाया गया था. लेकिन ट्रेन में बैठे पैसेंजर्स की सुरक्षा के लिहाज से ट्रेन नहीं रोकी गई.
The accident occurred within a matter minutes when the train came at a high speed. The train did not blow the horn. CM has ordered an investigation into the incident: Punjab Minister Navjot Singh Sidhu at Civil Hospital on #AmritsarTrainAccident pic.twitter.com/QWE8pGY8qQ
— ANI (@ANI) October 20, 2018
डीआरएम विवेक कुमार ने कहा कि हादसे के बाद ट्रेन की स्पीड 7 से 8 किलोमीटर प्रति किलोमीटर हो गई थी, डीआरएम के मुताबिक इस दौरान ट्रेन पर पथराव होने लगा. तब गार्ड ने रेल ड्राइवर को बताया कि यहां ट्रेन रोकना यात्रियों की सुरक्षा के लिहाज से खतरनाक हो सकता है. इसलिए ड्राइवर ने ट्रेन आगे बढ़ा दी, और ट्रेन को सीधे अमृतसर ले गया. डीआरएम ने कहा कि ट्रेन ड्राइवर इस वक्त रेलवे की सुरक्षा में है. डीआरएम विवेक कुमार ने कांग्रेस नेता नवजोत सिद्धू के भी उस दावे को खारिज किया जिसमें उन्होंने कहा था कि ट्रेन में हॉर्न ही नहीं है.