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1984 दंगे: सज्जन कुमार को कोर्ट से राहत मिलने पर याचिकाकर्ता निराश

वहीं कोर्ट के फैसले पर अकाली दल के नेता मनजिंदर सिंह सिरसा ने कहा कि अदालत ने इस मामले में इंसाफ नहीं किया है और अकाली दल पीड़ितों के साथ अब इस पूरी लड़ाई को उच्च अदालत में लेकर जाएगा.

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सज्जन कुमार को कोर्ट ने किया बरी
सज्जन कुमार को कोर्ट ने किया बरी

सज्जन कुमार को दिल्ली की कोर्ट की तरफ से जमानत दे दिए जाने के फैसले को 1984 सिख दंगों के मामले के याचिकाकर्ता हरविंदर सिंह कोहली ने निराशाजनक बताया है. हरविंदर सिंह कोहली के पिता और जीजा 1984 के सिख दंगों में मारे गए थे और 32 साल से वे अपने परिवार को इंसाफ दिलवाने की लड़ाई लड़ रहे हैं. कोहली ने कहा कि अदालत के सज्जन कुमार को जमानत दिए जाने के फैसले से उनको निराशा हुई है और वह जल्द ही उच्च अदालत में इस पूरे मामले को उठाएंगे. साथ ही कोहली ने कहा कि एसआईटी की जांच शुरू होने के बाद उनको उम्मीद थी की उन्हें इंसाफ मिलेगा और सज्जन कुमार को सजा मिलेगी लेकिन अब अदालत की तरफ से सज्जन कुमार को जमानत दिया जाना निराशाजनक है.

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अकाली दल ने जताई निराशा

वहीं कोर्ट के फैसले पर अकाली दल के नेता मनजिंदर सिंह सिरसा ने कहा कि अदालत ने इस मामले में इंसाफ नहीं किया है और अकाली दल पीड़ितों के साथ अब इस पूरी लड़ाई को उच्च अदालत में लेकर जाएगा. सिरसा ने कहा कि एसआईटी बनने के बाद 1984 सिख दंगा पीड़ितों को उम्मीद जगी थी कि उन्हें अब इंसाफ मिलेगा लेकिन सज्जन कुमार को समझ में आ गया था कि वो जल्द ही जेल जाने वाले है क्योंकि सारे सबूत उनके खिलाफ है इसी वजह से उन्होंने अदालत में जाकर जमानत ले ली.

सिरसा में कहा कि उन्हें पता है कि वह अदालत के फैसले पर सवाल उठा कर कंटेंप्ट ऑफ कोर्ट कर रहे हैं लेकिन अदालत ने जो नाइंसाफी की है उसके लिए वह जेल जाने को भी तैयार है. सिरसा ने कहा कि वह जल्द ही दंगा पीड़ितों के साथ सज्जन कुमार को जमानत दिए जाने के फैसले को उच्च अदालत में चुनौती देंगे.

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