राज्यसभा सासंदों के निलंबन का मामला बढ़ता जा रहा है. ना सरकार झुकने को तैयार है और ना ही विपक्ष के नेता अपने प्रदर्शन को शांत कर रहे हैं. अब इस बीच विपक्ष अपने प्रदर्शन को और तेज कर सकता है. कहा जा रहा है कि आने वाले दिनों में सरकार को घेरने के लिए एक रणनीति पर काम किया जा रहा है.
उलझता जा रहा निलंबन विवाद
खबर है कि कांग्रेस नेता मल्लिकार्जुन खड़गे के घर पर विपक्ष की एक अहम बैठक होने जा रही है. बैठक में इस मुद्दे पर भी चर्चा की जाएगी और नई रणनीति पर भी मंथन होगा. विपक्ष के नेताओं ने साफ कर दिया है कि इस मामले में वे झुकने वाले नहीं हैं. ना माफी मांगी जाएगी और ना ही कोई सफाई पेश की जाएगी. स्पष्ट मांग की गई है कि सस्पेंशन को रद्द किया जाए.
इसी कड़ी में सस्पेंड हुए कांग्रेस सासंद नासिर हुसैन ने कहा है कि ये सरकार तानाशाही अंदाज में काम कर रही है. ऐसे में प्रदर्शन को और ज्यादा आक्रामक किया जाएगा. उनके मुताबिक निलंबित हुए सांसदों ने कोई गलत काम नहीं किया था. सिर्फ जनता के मुद्दों को उठाया गया था, उनकी मांगों को सरकार के बीच लाया गया था. लेकिन बिना किसी कारण उन सभी को सस्पेंड कर दिया गया.
माफी मांगने से इनकार, सरकार पर दवाब
अभी के लिए सरकार कह रही है कि अगर निलंबित सासंद माफी मांग लें तो सस्पेंशन वापस लिया जा सकता था. लेकिन विपक्ष ने माफी मांगने से साफ मना कर दिया है. जोर देकर कहा गया है कि बिना किसी शर्त के सरकार अपने सस्पेंशन को वापस ले. वहीं दूसरी तरफ संसद टीवी पर होस्ट करने वालीं शिवसेना सांसद प्रियंका चतुर्वेदी ने भी कार्यक्रम से अपने हाथ पीछे खीच लिए हैं. शशी थरूर भी अब अपने कार्यक्रम की होस्टिंग करते नहीं दिखेंगे. ऐसे में सरकार पर दवाब बनाने का हर संभव प्रयास किया जा रहा है. लेकिन अभी ये विवाद सुलझता नहीं दिख रहा है.