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Exit Poll: मेघालय में किसी भी पार्टी को बहुमत नहीं, त्रिशंकु विधानसभा के आसार

मेघालय चुनाव में त्रिशंकु विधानसभा के आसार हैं. किसी भी पार्टी को बहुमत नहीं मिल रहा है. एनपीपी के खाते में 18 से 24, बीजेपी की 4 से 8, कांग्रेस 6 से 12 सीटें रह सकती हैं. यानी कि किसी को भी बहुमत नहीं मिल रहा है.

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मेघालय चुनाव
मेघालय चुनाव

मेघालय विधानसभा चुनाव इस बार काफी दिलचस्प बन चुका है. पहली बार है जब बीजेपी सभी सीटों पर अकेले चुनाव लड़ने उतरी है. ईसाई बहुल राज्य में पार्टी ने तेजी से अपना विस्तार किया है और इस बार सरकार बनाने का दावा ठोंक रही है. दूसरी तरफ नेशनलिस्ट पीपल्स पार्टी और यूडीपी जैसे क्षेत्रीय दल भी सत्ता में आने के लिए पूरी जान लगा रहे हैं. कांग्रेस भी अकेले ही चुनाव मैदान में खड़ी हुई है. अब जिस राज्य में पीएम नरेंद्र मोदी से लेकर गृह मंत्री अमित शाह ने खास ध्यान दिया है, वहां पर Axix My India और आजतक का एग्जिट पोल बताता है कि इस बार किसी भी पार्टी को बहुमत नहीं मिल रहा है.

क्या बता रहा एग्जिट पोल?

एनपीपी के खाते में 18 से 24, बीजेपी की 4 से 8, कांग्रेस 6 से 12 सीटें रह सकती हैं. यानी कि किसी को भी बहुमत नहीं मिल रहा है. बड़ी बात ये रही कि पिछले विधानसभा चुनाव में कांग्रेस सबसे बड़ी पार्टी बनकर उभरी थी. उसके खाते में 21 सीटें गई थी. बहुमत से तो पार्टी दूर रह गई, लेकिन सीटों के मामले में बीजेपी से कोसो आगे रही. उस चुनाव में बीजेपी ने 47 सीटों पर चुनाव लड़ा था, लेकिन जीती सिर्फ दो सीट थी. वहीं दूसरी तरफ एनपीपी ने 20 सीटों पर जीत दर्ज की थी. बताया जाता है कि तब हिमंत बिस्वा सरमा ने एक बड़ा खेल करते हुए चुनाव के बाद एनपीपी से संपर्क साधा और बीजेपी के साथ सरकार बनाने का ऑफर दिया. उसके बाद से राज्य के सीएम कोनराड संगमा बने और बीजेपी को दो सीटों के बावजूद सरकार में आने का मौका मिल गया.

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अब इस बार बीजेपी अकेले ही चुनाव मैदान में उतरी है. भ्रष्टाचार और राष्ट्रवाद के मुद्दे को धार देते हुए पार्टी का दावा है कि वो प्रचंड बहुमत के साथ पहली बार इस राज्य में अपने दम पर सरकार बनाएगी. दूसरी तरफ कांग्रेस की बात करें तो इस बार मेघालय का चुनाव पार्टी के लिए और ज्यादा चुनौतीपूर्ण रहा है. इसका बड़ा कारण ये है कि पार्टी के कई विधायक दूसरे दलों में शामिल हो चुके हैं. इस समय मेघालय की विधानसभा में कांग्रेस के पास सिर्फ दो विधायक बचे हैं. पार्टी अकेले ही चुनावी मैदान में उतरी है और उसे बीजेपी और क्षेत्रीय दलों से कड़ी टक्कर मिल रही है.

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