इसी जगह पर भारत और चीन के सैन्य अधिकारियों के बीच फ्लैग मीटिंग होती है.
बुमला में तैनात भारतीय सैनिक.
चीन ने भारतीय सीमा से सटे अपने इलाकों में बेहतरीन सड़कों का जाल बिछा लिया है.
भारत-चीन सीमा पर स्थित बुमला पोस्ट का भारतीय क्षेत्र.
चीनी की सड़कों से अगर तुलना की जाए तो बुमला में बनी भारतीय सड़कें कहीं नहीं टिकतीं.
इसी जगह पर भारत और चीन के सैन्य अधिकारियों के बीच फ्लैग मीटिंग होती है.
तवांग से 35 किलोमीटर दूर स्थित बुमला में भारत-चीन सीमा.
असम के चरिदुआर से 320 किलोमीटर लंबी यही एकमात्र सड़क है जो तवांग को पूरे देश से जोड़ती है.
तवांग को देश के बाकी हिस्सों से जोड़ने वाली इस सड़क पर ऐसे गड्ढे दिखना आम है.
चरिदुआर में सड़क धंसने से फंसा एक ट्रक.
तवांग को देश के बाकी हिस्सों से जोड़ने वाली सड़क पर फंसा एक ट्रक.
भालुकपुंग और बॉमडीला के बीच सड़क की चौड़ाई इतनी कम है कि एक बार में केवल एक गाड़ी ही इससे गुजर सकती है.
तवांग की ओर जाते भारतीय सेना के ट्रक.
तवांग-भालुकपुंग सड़क ट्रांस अरुणाचल हाइवे प्रोजेक्ट का हिस्सा है जिसे 2013 तक पूरा होना है. इसलिए सड़क निमार्ण कार्य प्रगति पर है.
तवांग और बुमला के बीच की सड़क पर आम लोगों को बिना परमिट जाने की इजाजत नहीं है.
तवांग और बुमला के बीच की सड़क का निर्माण सीमा सड़क संगठन पिछले 10 वर्षों से कर रहा है फिर भी इसकी हालत ऐसी है.
बॉमडीला और जंग के बीच की इस सड़क पर यह ट्रक लगभग फंस ही गया.
बॉमडीला और जांग के बीच कीचड़ भरी सड़क से गुजरती एक कार.
तवांग में आपका स्वागत है.
तवांग और बुमला के बीच की सर्पीली भारतीय सड़क.
तवांग और बुमला की बीच की 35 किलोमीटर की सड़क खस्ताहाल है.
भारतीय सड़कों की तुलना में चीन ने भारतीय सीमा तक पक्की सड़कों का मजबूत जाल बना लिया है.
तवांग में भारतीय सेना का एक टेंट.
ये है शिवलिंग हिलटॉप. इसका एक हिस्सा भारत में है जबकि दूसरा चीन में.
चीन की सड़कों को देखकर उसकी इंफ्रास्ट्रक्चर की बेहतरी का अंदाजा हो जाता है.
भारतीय सीमा से दिखाई देती चीन की सर्पीली सड़कें.
हर दिन भारतीय सेना के 11 जवान पहाड़ की इस चोटी पर चढ़ते हैं और चीनी सेना की गतिविधियों पर नजर रखते हैं.
तवांग मोनेस्ट्री का विहंगम दृश्य.
बुमला और रोहतांग के बीच कीचड़ से भरी संकरी सड़क.
बुमला की ओर जाता सेना का एक ट्रक.
बुमला जाने वाली सड़क की हालत देखकर ही अंदाजा लगाया जा सकता है कि वहां की हालत कैसी है.
बुमला में ट्रक से पानी की टंकियां उतारते सेना के जवान.
लद्दाख का चांगला पास दुनिया में तीसरा सबसे ऊंचा दर्रा है जहां से गाडि़यां गुजरती हैं.
चांगला पास के पास की बर्फीली पहाडि़यों के किनारे बनी सड़क से गुजरती गाड़ी.
पूर्वी लद्दाख में कैंपों तक सामान ले जाते ट्रक.
चार्ली वन रोड केवल कहने के लिए ही रोड है. नहीं तो यह पैंगोंगसो झील के पास कच्चा रास्ता भर है.
पैंगोंगसो झील के पास चार्ली वन रोड से गुजरती एक गाड़ी.
सेना ने पैंगोंगसो झील के पास कई बार चीनी सैनिकों की घुसपैठ की शिकायत की है.
लद्दाख में चीन से सटी सीमा से 20 किलोमीटर दूर चार्ली वन रोड पर सामान ले जाता सेना का एक ट्रक.
लद्दाख में चीन से सटी सीमा से 20 किलोमीटर दूर चार्ली वन रोड पर सामान ले जाता सेना का एक ट्रक.
चार्ली वन रोड पर पैंगोंगसो झील के पास से गुजरती एक गाड़ी.
पैंगोंगसो झील के पास बने सेना के इग्लू. सेना के जवानों का कहना है कि कुछ घंटों के बाद इन इग्लूओं में रहना दूभर हो जाता है.
पैंगोंगसो झील के पास बने सेना के इग्लू.
पैंगोंगसो झील के पास खड़ी सेना की नावें और एक हैलिपैड भी बना है. भारत और चीन की सीमा इस झील के बीचोंबीच पड़ती है इसलिए इस झील में चीनी सैनिकों की नावों को भी अक्सर देखा जाता है.