बहुचर्चित लोकपाल विधेयक को लोकसभा में पेश कर दिया गया है.
अन्ना और उनके समर्थक सरकार द्वारा तैयार किए गए लोकपाल बिल से खुश नहीं हैं.
अन्ना और उनके समर्थकों ने लोकपाल बिल का विरोध करने के लिए विधेयक की प्रतियां जलाईं.
जैसे ही लोकसभा में लोकपाल विधेयक पेश किया गया वैसे ही अन्ना ने विधेयक की प्रतियां जलाकर अपना विरोध दर्ज कराया.
इस मौके पर सिविल सोसायटी की सदस्य और किरण बेदी ने कहा कि सरकार के लोकपाल से भ्रष्टाचार खत्म नहीं हो सकता. बेदी ने कहा कि सरकार आखिर दो एजेंसियां क्यों बना रही है.
सिविल सोसायटी के सदस्य और वरिष्ठ अधिवक्ता प्रशांत भूषण ने कहा कि लोकपाल बिल के अनुसार शिकायतकर्ता की शिकायत अगर गलत पाई जाती है तो उसके खिलाफ तुरंत कार्रवाई हो सकती है लेकिन जिसके खिलाफ शिकायत होगी उसे अपनी बात रखने के लिए 3 वर्ष का समय दिया जाएगा.
गांधीवादी समाजसेवी अन्ना हजारे ने सरकार पर धोखा देने का आरोप लगाया और कहा कि यह संसद का अपमान है.
अरविंद केजरीवाल ने सरकार के लोकपाल विधेयक पर उंगली उठाते हुए कहा कि इसके दायरों में जिन लोगों को लाया गया है उससे तो किसी भी स्तर पर भ्रष्टाचार से नहीं निपटा जा सकता. उन्होंने कहा कि इस बिल से ना तो गरीबों को राशन मिलने में आसानी होगी और ना ही सरकारी अस्पतालों में दवाओं के जो घपले होते हैं उससे निपटा जा सकेगा.