नौ सेना के बेड़े में छोटे-बड़े 81 युद्धपोत शामिल थे, जिनमें आईएनएस महादेई जैसा सबसे छोटा युद्धपोत और आईएनएस विराट जैसा बड़ा पोत भी शामिल था. इस अवलोकन में तीन व्यापारिक पोतों, सी कैडेट कोर और 44 विमानों को भी शामिल किया गया. इन विमानों में हाल ही में नौसेना में शामिल हुआ मिग 29के भी था, जिसने फ्लाई पास्ट में हिस्सा लिया.
150 जवानों के सलामी गारद का निरीक्षण करने और 21 तोपों की सलामी के साथ सशस्त्र सेना की सर्वोच्च कमांडर पाटिल ने अत्याधुनिक सुरक्षा बल की समीक्षा की. सलामी के जवाब में पाटिल ने खड़े होकर सभी जहाजों को सलामी दी.
प्रतिष्ठित समुद्री कमांडो से लैस नौसैनिक युद्धपोत आईएनएस सुभद्रा पर सवार 77 साल की राष्ट्रपति ने ‘10वें राष्ट्रपति नौसैनिक बेड़े की समीक्षा’ के तहत 81 जहाजों
और 44 विमानों के बेड़े की समीक्षा की.
राष्ट्रपति के साथ रक्षा मंत्री एके एंटनी, तीनों सेना के प्रमुखों सहित चार कैबिनेट मंत्री भी थे.
150 जवानों के सलामी गारद का निरीक्षण करने और 21 तोपों की सलामी के साथ सशस्त्र सेना की सर्वोच्च कमांडर पाटिल ने सुबह 9 बजे समीक्षा की शुरुआत की.
नौसैनिक टोपी पहनकर पाटिल युद्धपोत पर विशेष तौर पर तैयार किए गए मंच पर नौसैनिक प्रतीक को प्रदर्शित कर रही छतरी के नीचे बैठीं.
प्रतिभा पाटिल इससे पहले सुखोई में भी उड़ान भर चुकी हैं.
राष्ट्रपति ने युद्धपोत पर सवार नौसैनिक अधिकारियों और जवानों को संबोधित करते हुए कहा, ‘आज, भारतीय नौसेना क्षेत्र की सबसे सक्षम सेनाओं में है और इसकी आधुनिकीकरण योजनाओं के बाद इसका और बढ़ना तय है.’ सुखोई युद्धक विमान और सेना के युद्धक टैंक के बाद युद्धपोत पर सवार होने वाली वह पहली महिला राष्ट्रपति हैं.
राष्ट्रपति ने कहा, ‘जल्द ही शामिल होने वाले विक्रमादित्य जैसे विमानवाहक पोत, रडार की जद में नहीं आने वाले कोलकाता श्रेणी के विध्वंसक विमानों और तलवार श्रेणी की पनडुब्बियां, स्वदेश निर्मित एएसडब्ल्यू वाहकों के साथ ही शक्तिशाली पनडुब्बियों और युद्धपोतों वाली नौसेना का नयी उपलब्धियां हासिल करना तय है.’
महामहिम प्रतिभा पाटील ने आईएनएस सुभद्रा पर सवार होकर नौसेना के 81 पोतों और 44 विमानों के भारीभरकम बेड़े का अवलोकन किया.
भारतीय नौसेना की बढ़ रही क्षमता का जिक्र करते हुए पाटील ने कहा कि परमाणु क्षमता सम्पन्न पनडुब्बी अरिहंत के लांच होने और स्वदेशी तकनीक से निर्मित
शिवालिक श्रेणी के युद्ध पोत को नौ सेना में शामिल किए जाने से देश के पोत कारखानों की क्षमता और यहां के कर्मियों की प्रौद्योगिकी कुशलता जाहिर होती है.
राष्ट्रपति ने कहा, ‘मैं इस बात को लेकर आश्वस्त हूं कि हमारे बेड़े भविष्य में राष्ट्र की समुद्री सुरक्षा को होने वाले किसी भी खतरे से निपटने के लिए तैयार हैं.’
राष्ट्रपति ने कहा कि भारतीय तटों पर और समुद्र में तेल की खोज सम्बंधी गतिविधियां आर्थिक दृष्टि से काफी महत्वपूर्ण हैं. उन्होंने कहा, ‘भारत तीन तरफ से समुद्र से घिरा हुआ है. इससे हमें स्वाभाविक रूप से भौगोलिक लाभ मिलता है, लेकिन यह सुरक्षा सम्बंधी कई चुनौतियां भी खड़ी करता है.’
अरब सागर में मुम्बई के तट पर नौ सेना के 10वें बेड़े का अवलोकन करते हुए पाटील ने कहा, ‘अपने तट, अपने समुद्री संचार लाइनों और अपतटीय विकास क्षेत्रों की सुरक्षा हमारे राष्ट्र के विकास के लिए एक बड़ी शर्त है.’
राष्ट्रपति प्रतिभा पाटील ने मंगलवार (20 दिसंबर 2011) को नौ सेना के बेड़े का अवलोकन किया और समुद्री लूट के खिलाफ नौ सेना तथा तट रक्षक बलों के अभियान की प्रशंसा की. उन्होंने यह भी कहा कि हमारे देश की सामाजिक एवं आर्थिक तरक्की के लिए समुद्री सीमाओं की सुरक्षा एक बड़ी जरूरत है.