लेखिका कली पुरी की किताब 'कन्फेशंस ऑफ अ सीरियल डायटर' मुंबई में एक भव्य समारोह में लॉन्च कर दी गई. 'खुद करके सीखो' शैली में लिखी गई यह किताब बेडौल से सुडौल शरीर पाने की यादों पर आधारित वृतांत है.
कली पुरी लिखती हैं, 'प्यार एक लाजवाब प्रेरणा है.' इंग्लैंड की कड़ाके की सुबह में सुन्न उंगलियों के बावजूद प्यार ही है, जो ऑक्सफोर्ड में पढ़ने वाली एक छात्रा के रूप में उन्हें नौकायन में शामिल करवाता है.
कली पुरी कहती हैं, 'मैं इस कार्यक्रम पर डटी रही, क्योंकि मेरे सामने एक डेडलाइन थी, एक लवलाइन.' 18 से 24 साल के सफर में प्यार ने उनका वजन 75 किलो से 58 किलो करवा दिया.
विशेषज्ञों की लिखी गाइड पुस्तकों में प्यार को कभी भी मोटापे का तोड़ नहीं बताया गया है, लेखिका कली पुरी की किताब में ऐसा ही है.
यह किताब उस देश में एक नई विधा की शुरुआत है, जहां वजन कम करने की सलाह या तो योग गुरुओं के पावन कार्यक्षेत्र से आती है, या 'दुबलेपन के डॉक्टरों और फिट रखने वाले डायटीशियनों' की दुनिया से.
येल यूनिवर्सिटी का ताजा अध्ययन बताता है कि 5 फुट 5 इंच की महिला जैसे ही 73 किग्रा की होती है, उसे पूर्वाग्रहों और समाज के उलाहनों का सामना करना पड़ता है.
यह किताब उस देश में एक नई विधा की शुरुआत है, जहां वजन कम करने की सलाह या तो योग गुरुओं के पावन कार्यक्षेत्र से आती है, या 'दुबलेपन के डॉक्टरों और फिट रखने वाले डायटीशियनों' की दुनिया से.
गुस्से और घबराहट की नकारात्मक भावनाओं के जवाब में खाने का दुष्चक्र पैदा कर देता हैः अपराधबोध, शर्म, मायूसी और वजन न बढ़ने देने में और ज्यादा परेशानी होती है.
वजन कम करने के उपाय बताने वाले गुरुओं और कली पुरी के सफर में बड़ा अंतर यह है कि वे उन रास्तों से गुजर चुकी हैं और सब करके देख चुकी हैं.
कली पुरी लिखती हैं, 'वजन कम करने के उपाय बताने वाले गुरु एक मोटे इंसान का जेहन, मनोदशा और उसकी लाचारगी नहीं समझते.' गहन अनुभव, खुद के प्रयोगों और गहरी परख से परिपूर्ण, यह किताब उस हर इंसान के लिए है जिसका अपने वजन के साथ कष्टकारी संबंध है.
'कन्फेशंस...' खुद जमकर अपनी खिल्ली उड़ाने और किताब के पन्नों से बाहर छलांगें लगाते पात्रों की रोचक कहानी है.
कली पुरी एक जगह लिखती हैं, 'बहन की शादी अपना वजन कम करने की बहुत बढ़िया वजह है. शादी दो महीने बाद थी और मुझे लगा कि कि मेरा शरीर 80 किलो से कम का वजन स्वीकार करने के लिए तैयार नहीं है. मैं कम करते-करते 75 किलो तक पहुंची और फिर 79 किलो पर लौट गई.'
लेखिका कली पुरी की किताब 'कन्फेशंस ऑफ अ सीरियल डायटर' मुंबई में एक भव्य समारोह में लॉन्च कर दी गई.
'खुद करके सीखो' शैली में लिखी गई यह किताब बेडौल से सुडौल शरीर पाने की यादों पर आधारित वृतांत है.
लेखिका कली पुरी लिखती हैं, 'प्यार एक लाजवाब प्रेरणा है.' इंग्लैंड की कड़ाके की सुबह में सुन्न उंगलियों के बावजूद प्यार ही है, जो ऑक्सफोर्ड में पढ़ने वाली एक छात्रा के रूप में उन्हें नौकायन में शामिल करवाता है.
लेखिका कली पुरी कहती हैं, 'मैं इस कार्यक्रम पर डटी रही, क्योंकि मेरे सामने एक डेडलाइन थी, एक लवलाइन.' 18 से 24 साल के सफर में प्यार ने उनका वजन 75 किलो से 58 किलो करवा दिया.
विशेषज्ञों की लिखी गाइड पुस्तकों में प्यार को कभी भी मोटापे का तोड़ नहीं बताया गया है, लेकिन लेखिका कली पुरी की किताब में ऐसा ही है.
यह किताब उस देश में एक नई विधा की शुरुआत है, जहां वजन कम करने की सलाह या तो योग गुरुओं के पावन कार्यक्षेत्र से आती है, या 'दुबलेपन के डॉक्टरों और फिट रखने वाले डायटीशियनों' की दुनिया से.
येल यूनिवर्सिटी का ताजा अध्ययन बताता है कि 5 फुट 5 इंच की महिला जैसे ही 73 किग्रा की होती है, उसे पूर्वाग्रहों और समाज के उलाहनों का सामना करना पड़ता है.
गुस्से और घबराहट की नकारात्मक भावनाओं के जवाब में खाने का दुष्चक्र पैदा कर देता हैः अपराधबोध, शर्म, मायूसी और वजन न बढ़ने देने में और ज्यादा परेशानी होती है.
वजन कम करने के उपाय बताने वाले गुरुओं और कली पुरी के सफर में बड़ा अंतर यह है कि वे उन रास्तों से गुजर चुकी हैं और सब करके देख चुकी हैं.
कली पुरी लिखती हैं, 'वजन कम करने के उपाय बताने वाले गुरु एक मोटे इंसान का जेहन, मनोदशा और उसकी लाचारगी नहीं समझते.' गहन अनुभव, खुद के प्रयोगों और गहरी परख से परिपूर्ण, यह किताब उस हर इंसान के लिए है जिसका अपने वजन के साथ कष्टकारी संबंध है.
'कन्फेशंस...' खुद जमकर अपनी खिल्ली उड़ाने और किताब के पन्नों से बाहर छलांगें लगाते पात्रों की रोचक कहानी है.
कली पुरी एक जगह लिखती हैं, 'बहन की शादी अपना वजन कम करने की बहुत बढ़िया वजह है. शादी दो महीने बाद थी और मुझे लगा कि कि मेरा शरीर 80 किलो से कम का वजन स्वीकार करने के लिए तैयार नहीं है. मैं कम करते-करते 75 किलो तक पहुंची और फिर 79 किलो पर लौट गई.'
यह दिलचस्प और प्रेरणादायक किताब, डायट बुक की बजाए एक उपन्यास की तरह है.
यह किताब उस देश में एक नई विधा की शुरुआत है, जहां वजन कम करने की सलाह या तो योग गुरुओं के पावन कार्यक्षेत्र से आती है, या 'दुबलेपन के डॉक्टरों और फिट रखने वाले डायटीशियनों' की दुनिया से.
यह दिलचस्प और प्रेरणादायक किताब, डायट बुक की बजाए एक उपन्यास की तरह है.