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भारत

असल में ये हैं खतरों के खिलाड़ी...

असल में ये हैं खतरों के खिलाड़ी...
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13 फरवरी 2010 को ली गई इस तस्वीर में 24 वर्षीय यूएस मरीन लैंस कॉर्पोरल क्रिस सैंडर्सन भरपूर जोश में चिल्ला रहे हैं. फ्लेमिंगटन (न्यू जर्सी) के रहने वाले क्रिस ने हेलमंड (अफगानिस्तान)स्थित नाद अली जिले के मरजह कस्बे में तालिबानी हमले में एक अफगान और उसके बच्चे को बचाने की हिम्मत दिखाई.
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16 फरवरी 2014 को चीन के हुनान प्रांत के चांगदे इलाके में एक कागज की फैक्ट्री में आग लगी थी. इस भयंकर आग में अपनी जान की परवाह किए बिना एक फायर फाइटर ने आग बुझाने की हर संभव कोशिश की.
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19 जनवरी 2012 को इंडोनेशिया के बानतेन गांव के संघियांग तनजुंग इलाके में एक पुल के ढह जाने पर कुछ बच्चों ने पुल की स्टील रॉड मजबूती से संभालते हुए नदी के ऊपर से अपने स्कूल जाने का रास्ता बनाया.
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8 सितंबर 2010 को हर‍ियाणा प्रदेश (भारत) के पंचकुला में घाघर नदी में बाढ़ आने पर कुछ बचावकर्ताओं ने अपनी जान पर खेलकर एक औरत की जिंदगी बचाई और उसे सुरक्षित स्थान पर पहुंचाया.
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5 मार्च 2013 को चीन के झेजिआंग प्रांत के हंगझोउ चिड़ियाघर में जानवरों की बहादुरी भी देखने को मिली. एक सांप को खाने के लिए जब एक चूहा दिया गया, तो एक दूसरा चूहा अपने साथी की मदद के लिए सांप पर झपट पड़ा. हांलांकि वो सांप को रोक नहीं पाया और अंत में खुद उसे भी एक दूसरे सांप का भोजन बनना पड़ा.
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5 जून 1989 को त्यानअनमेन चौक विद्रोह की पेराई के दौरान 'एवेन्यू ऑफ इटरनल पीस' पर बीजिंग के नागरिक टैंक्स के सामने डटकर खड़े हो गए थे.
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