पुलिस ने तेलंगाना समर्थक पार्टियों द्वारा आंध्र प्रदेश विधानसभा तक मार्च निकालने के प्रयास को विफल कर दिया. पुलिस ने टीआरएस और बीजेपी के वरिष्ठ नेताओं सहित अलग राज्य के गठन की मांग के समर्थक 1400 लोगों को एहतियाती तौर पर हिरासत में ले लिया और विधानसभा भवन की ओर जाने वाली सभी सड़कों को बंद कर दिया.
अलग राज्य के गठन की मांग को लेकर आयोजित विरोध मार्च शांतिपूर्ण रहा और कोई अप्रिय घटना नहीं हुई. अलग तेलंगाना राज्य के गठन की मांग पर जोर देने के लिए ‘चलो असेम्बली’ विरोध मार्च के लिए व्यापक सुरक्षा प्रबंध किये गये थे.
पुलिस के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया, ‘सुरक्षा प्रबंधों से यह सुनिश्चित किया गया कि विरोध प्रदर्शन शांतिपूर्ण ढंग से हो. प्रदर्शनकारियों द्वारा विधानसभा भवन तक पहुंचने और कार्यवाही को बाधित करने के प्रयास को विफल कर दिया गया ताकि वे विधानसभा परिसर नहीं पहुंच पायें.’
पुलिस उपायुक्त (पूर्वी जोन) आर. जयलक्ष्मी ने बताया, ‘हमने काफी संयम बरता है लेकिन उन्होंने (प्रदर्शनकारियों ने) हम पर पथराव किया. उन्होंने परिसर से बाहर जाकर ‘चलो असेम्बली’ आंदोलन में जाने का प्रयास किया जिसकी अनुमति नहीं थी.’ संघर्ष में कई सुरक्षा कर्मियों और छात्रों को मामूली चोटें आयी हैं.
विधानसभा के स्थगित होने के बाद इसके दोनों द्वारों पर बैठे करीब 20 टीआरएस, बीजेपी और भाकपा विधायकों को हिरासत में ले लिया गया. इससे पहले पुलिस ने विधानसभा की ओर कूच का प्रयास कर रहे रहे तेलंगाना संयुक्त कार्रवाई समिति के नेता कोदंडराम सहित कई प्रदर्शनकारियों को इंदिरा पार्क के समीप गिरफ्तार किया.
बागी कांग्रेस सांसद विवेक एवं एम जगन्नाथ को पुलिस ने विधानसभा पहुंचने का प्रयास करते हुए हिरासत में लिया. दोनों हाल में टीआरएस में शामिल हुए हैं. हिरासत में लिये गये विधायकों एवं अन्य नेताओं को शहर के विभिन्न पुलिस थानों में ले जाया गया और बाद में छोड़ दिया गया.
केंद्रीय गृह मंत्री सुशील कुमार शिंदे और कांग्रेस में आंध्र प्रदेश के प्रभारी गुलाम नबी आजाद ने पुलिस और प्रशासन द्वारा संयम बरते जाने और घटनाओं से कुशलता पूर्वक निपटने की सराहना की.
विधानसभा परिसर में भी एक नाटकीय घटनाक्रम में दो टीआरएस विधायक अपनी पार्टी की विधायक दल इमारत के ऊपर चढ़ गये और वहां से कूदने की धमकी दी.