केंद्रीय ग्रामीण विकास मंत्री और महाराष्ट्र बीजेपी के दिग्गज नेता गोपीनाथ मुंडे का 3 जून (सोमवार) को नई दिल्ली में सड़क हादसे में निधन हो गया. वह
64 साल के थे.
उनकी एम्बेसडर कार सुबह सड़क हादसे का शिकार हो गई. मुंडे को एम्स अस्पताल के ट्रॉमा सेंटर में भर्ती कराया गया जहां 7:30 बजे डॉक्टरों ने उन्हें मृत घोषित कर दिया.
मुंडे के निधन से देश शोक में डूब गया है. राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी सहित तमाम राजनीतिक हस्तियों ने मुंडे के निधन पर शोक जताया.
केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी और हर्षवर्धन ने मुंडे के निधन की जानकारी मीडिया को दी.
गडकरी ने बताया कि मुंडे सुबह अपनी कार से एयरपोर्ट जा रहे थे कि सुबह 6:30
बजे रास्ते में एक कार ने उनकी कार को पीछे से टक्कर मार दी.
हादसे के बाद मुंडे कार की सीट से गिर गए. उन्होंने अपने सहायक से पानी मांगा. इसके बाद मुंडे के ड्राइवर और उनके पीए एम्स लेकर गए.
डॉक्टरों का कहना है कि मुंडे के दिल ने काम करना बंद कर दिया था.
गोपीनाथ ने 8 दिन पहले ही केंद्रीय मंत्री के रूप में शपथ ली थी. नरेंद्र मोदी सरकार में उन्हें ग्रामीण विकास मंत्री बनाया गया था.
विडंबना ही
कहेंगे कि गोपीनाथ मुंडे उसी प्रमोद महाजन परिवार से थे, जो ऐसे ही दुर्भाग्यपूर्ण हादसों का शिकार होता रहा है.
उनकी भांजी पूनम महाजन के
सांसद और मुंडे के मंत्री बनने से महाजन परिवार में जो रौनक लौटी थी, वह इस हादसे से एक झटके में काफूर हो गई.
मुंडे और प्रमोद महाजन बहुत पुराने दोस्त थे. दोनों ने साथ में पढ़ाई की थी, बाद में वे रिश्तेदार बन गए.
मुंडे और प्रमोद महाजन बहुत पुराने दोस्त थे. दोनों ने साथ में पढ़ाई की थी, बाद में वे रिश्तेदार बन गए. इस पुरानी तस्वीर में मुंडे प्रमोद महाजन और दिवंगत कांग्रेस नेता विलासराव देशमुख के साथ नजर आ रहे हैं.
प्रकाश जावड़ेकर ने उनके साथ लंबे समय तक महाराष्ट्र में काम किया था. मुंडे के निधन के बाद वह भावुक होकर रो पड़े.
मुंडे महाराष्ट्र राजनीति में लंबे समय से सक्रिय थे. जनसंघ और राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ से उनका रिश्ता बहुत पुराना था.
गोपीनाथ मुंडे महाराष्ट्र में पिछड़ों के बड़े नेता माने जाते थे. बीजेपी में भी वह पिछड़े वर्ग का प्रतिनिधित्व करने वाले देश के सबसे वरिष्ठ नेताओं में थे.
34 साल पहले 1980 में ही वह पहली बार विधायक बन गए थे.
1980 से 1985 और 1990 से 2009 तक वह विधायक रहे. इसके बाद वह लोकसभा चले गए.
1992 से
1995 तक वह महाराष्ट्र महाराष्ट्र विधानसभा में विपक्ष के नेता रहे. 1995
में जब बीजेपी-शिवसेना की सरकार आई तो मुंडे को उपमुख्यमंत्री
बनाया गया.
इस तस्वीर में अटल बिहारी वाजपेयी के साथ नजर आ रहे हैं युवा गोपीनाथ मुंडे.
2009 में वह बीड संसदीय सीट से सांसद चुने गए. 2014 के लोकसभा चुनाव में भी वह इसी सीट से जीते.
खबर मिलने के बाद मुंडे के भांजे राहुल महाजन, पूनम महाजन और उनकी मां विशेष विमान से दिल्ली पहुंचे.
मुंडे का जन्म महाराष्ट्र के परली में 12 दिसंबर 1949 को हुआ था.
मुंडे की तीन बेटियां हैं, पंकजा,
प्रीतम और यशश्री. पंकजा परली से विधायक हैं और महाराष्ट्र भाजपा युवा
मोर्चा की प्रदेश अध्यक्ष हैं.
वह अपने परिवार की तीसरी संतान थे. उनके दो छोटे भाई भी हैं, माणिकराव और वेंकटराव.
मुंडे के परिवार में बहन सरस्वती कराड़ भी हैं. बहन से बड़े एक भाई हैं पंडित अन्ना, जो सामाजिक-राजनीतिक काम से जुड़े हैं.
22 अप्रैल 2006 को प्रमोद महाजन की उन्हीं के छोटे भाई प्रवीण महाजन ने
गोली मारकर हत्या कर दी थी.