भारत-चीन के बीच पूर्वी लद्दाख में पेट्रोलिंग पॉइंट्स को लेकर हुए समझौते के बाद आज रूस के कजान में ब्रिक्स समिट से इतर पीएम मोदी और चीन के राष्ट्रपति जिनपिंग की मुलाकात हुई. इसके बाद AIMIM चीफ असदुद्दीन ओवैसी ने कहा कि जब गलवान में झड़प हुई थी, मैंने उस वक्त भी कहा था कि चीन हमारी जमीन पर घुसकर बैठा है. अगर आज ये समझौता हुआ है, तो इसका मतलब ये है कि पीएम ने 4 साल पहले देश को झूठ कहा था और हम वही बात कह रहे हैं कि चीन घुस कर बैठा है. उन्होंने कहा कि जिस एग्रीमेंट की बात हो रही है, वो न तो आपने देखा न हमने. अगर संसद में सरकार इस मुद्दे को रखेगी तो पता चलेगा.
ओवैसी ने कहा कि अक्टूबर के बाद वहां बर्फवारी शुरू हो जाएगी तो कैसे पता चलेगा कि जिन 25 पॉइंट पर हम पेट्रोलिंग नहीं कर पा रहे थे, क्या उन पर पेट्रोलिंग हो सकेगी. ये तो अप्रैल में ही पता चलेगा.
AIMIM चीफ ने कहा कि सरकार ने कहा था कि डोकलाम से चीन निकल गया है, लेकिन चीन तो डोकलाम में बैठा हुआ है. उन्होंने कहा कि सरकार कह रही है कि 2020 से पहले जिन पॉइंट पर हम पेट्रोलिंग करते थे, वहां अब पेट्रोलिंग होगी, इसका मतलब ये है कि चीन 2020 से घुसकर बैठा है, रहा सवाल बफर जोन का, तो हम चीन को बफर जोन कैसे देंगे. जहां हम पेट्रोलिंग कर रहे थे, तो क्या हम पेट्रोलिंग जोन से पीछे हटकर बफर जोन बनाएंगे. अक्टूबर में बर्फबारी की वजह से वहां कोई नहीं जाएगा. हमारी सेना पिछले 4 साल से वहां बैठी है तो क्या सेना वापस आ जाएगी, इसका जवाब सरकार को देना होगा.
ओवैसी ने कहा कि जब संसद में शीतकालीन सत्र शुरू होगा तो हम ये सवाल उठाएंगे, हालांकि सरकार इस मुद्दे पर बात करना नहीं चाहती. उन्होंने कहा कि अब ये साबित हो चुका है कि चीन घुसकर बैठा था. इसलिए कहा जा रहा है कि देपसांग और डेमचोक में समझौता हुआ है. उन्होंने कहा कि हमारा सवाल है कि क्या अब डी-एस्कलेशन और डीइंडक्शन होगा, क्या हमारी 50 हजार फौज वापस आएगी, क्या 25 पेट्रोलिंग पॉइंट पर हमारी सेना दोबारा पेट्रोलिंग करेगी. उन्होंने कहा कि 4 साल से देश को गुमराह किया जा रहा है, 20 राउंड की बातचीत में क्या हुआ और अब ये समझौता हुआ है ये क्या है?