बिजनेसमैन और अभिनेत्री शिल्पा शेट्टी (shilpa shetty) के पति राज कुंद्रा ( Raj Kundra) पोर्नोग्राफी फिल्म रैकेट मामले में जेल में बंद हैं. यह केस मुंबई पुलिस की क्राइम ब्रांच ने दर्ज किया है. अब राज कुंद्रा ने एक दूसरे केस में बॉम्बे हाईकोर्ट में अग्रिम जमानत के लिए अर्जी दी है.
ये याचिका नवंबर 2020 के एक मामले से जुड़ी है. यह केस साइबर क्राइम पुलिस ने राज कुंद्रा के खिलाफ दर्ज किया था. इस मामले में राज कुंद्रा की अग्रिम जमानत याचिका मुंबई सेशन कोर्ट में रद्द हो चुकी है. राज कुंद्रा ने सेशन कोर्ट के फैसले के खिलाफ अब हाईकोर्ट का रुख करते हुए उस मामले में गिरफ्तारी से कुछ राहत की मांग की है.
राज कुंद्रा ने कहा- वे कंपनी में स्लीपिंग पार्टनर थे
कुंद्रा ने अपनी अग्रिम जमानत याचिका में कहा है कि वे एक प्रसिद्ध बिजनेसमैन हैं और सौरभ कुशवाहा नाम के एक व्यक्ति ने उनसे संपर्क किया. सौरभ ने राज कुंद्रा से कहा कि ओटीटी प्लेटफार्मों के बढ़ते बिजनेस को देखते हुए उन्हें इसमें निवेश करना चाहिए. राज ने अपनी याचिका में कहा, कुशवाहा पर विश्वास करते हुए वे आर्म्स प्राइम प्राइवेट लिमिटेड से जुड़ गए, जो मशहूर हस्तियों को डिजिटल प्लेटफॉर्म प्रदान कर रहा था.
कुंद्रा ने कहा, उन्हें विश्वास था कि ये एक यूनिक वर्क है. इसलिए उन्होंने इसमें स्लीपिंग पार्टनर के तौर पर इन्वेस्ट किया. हालांकि, उन्होंने दावा किया कि कई पोर्नोग्राफी साइट्स पर एफआईआर दर्ज होने के एक महीने बाद इस कंपनी को दिसंबर 2019 में छोड़ दिया.
'कई अभियानों से जुड़ा रहा'
कुंद्रा ने अपनी याचिका में दावा किया है कि वे स्वच्छ भारत मिशन जैसी कई पहलों से जुड़े रहे. उन्हें चैंपियन ऑफ चेंज अवार्ड से भी सम्मानित किया गया था. यह याचिका वकील प्रशांत पी पाटिल द्वारा दायर की गई है. पाटिल ने कहा, राजकुंद्रा का नाम शुरुआत में साइबर सेल की एफआईआर में नहीं था. लेकिन जब उन्हें समन भेजा गया, वे मार्च और अप्रैल में साइबर सेल के पास पहुंचे. जून में उनका बयान भी पुलिस ने रिकॉर्ड कराया. हालांकि उन्हें गिरफ्तारी की आशंका थी, इसलिए उन्होंने सत्र अदालत में अग्रिम जमानत याचिका दायर की जिसे खारिज कर दिया गया.
कुंद्रा ने कहा, कि उन्हें कंपनी द्वारा चलाए जा रहे ओटीटी प्लेटफॉर्म पर पूनम पांडे और शर्लिन चोपड़ा जैसे स्टार्स द्वारा अपलोड किए जा रहे कंटेंट के बारे में कभी जानकारी नहीं थी. सौरभ के पास ही कंपनी का पूरा नियंत्रण था. वकील पाटिल का कहना है कि कुंद्रा बमुश्किल कुछ महीने ही कंपनी से जुड़े रहे.