कांग्रेस के शीर्ष नेताओं की बुधवार को अहम बैठक हुई. इसमें भारत-पाकिस्तान संघर्ष और अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के बयानों पर चर्चा हुई. इस दौरान पार्टी लाइन से हटकर दिए गए नेताओं के बयानों पर भी विचार किया गया.
बैठक में कांग्रेस सांसद शशि थरूर भी मौजूद रहे. हाल ही में उन्होंने अमेरिकी राष्ट्रपति ट्रंप के भारत-पाकिस्तान संघर्ष में मध्यस्थता के दावों पर भारतीय सरकार का बचाव करते हुए बयान दिए थे, जिससे कांग्रेस के भीतर हलचल मच गई थी.
सूत्रों के अनुसार बैठक में शशि थरूर को आलोचनाओं का सामना करना पड़ा. उन्हें पार्टी की घोषित स्थिति और कांग्रेस कार्य समिति (CWC) के प्रस्ताव से अलग विचार व्यक्त करने के लिए सवालों का सामना करना पड़ा. जयराम रमेश ने उनसे पूछा कि उन्होंने पार्टी लाइन से हटकर बयान क्यों दिए.
जयराम रमेश ने उनसे पूछा कि उन्होंने पार्टी लाइन से अलग क्यों कदम उठाया? नाम न बताने की शर्त पर एक सूत्र ने इसकी पुष्टि की. बैठक में एक नेता ने कहा कि कांग्रेस पार्टी में पर्याप्त लोकतंत्र है और सभी को बोलने की आजादी है, लेकिन शशि थरूर ने इस बार लक्ष्मण रेखा पार कर ली है.
हालांकि बाद में प्रेस ब्रीफिंग में कांग्रेस ने शशि थरूर के बयानों से दूरी बना ली. शशि थरूर की हालिया टिप्पणियों के बारे में पूछे जाने पर जयराम रमेश ने कहा कि शशि थरूर जो कह रहे हैं, वह उनकी निजी राय है. वह कांग्रेस पार्टी के लिए नहीं, बल्कि अपने लिए बोल रहे हैं.
सूत्रों ने बताया कि कांग्रेस नेतृत्व पार्टी के मैसेज को नुकसान पहुंचाने वाली विसंगतियों को लेकर चिंतित है. बैठक में किसी का नाम लिए बिना ये बताया गया कि यह व्यक्तिगत राय देने का समय नहीं है, बल्कि पार्टी की स्थिति को स्पष्ट करने का समय है.
अपनी बारी में डॉ. शशि थरूर ने 19 मई को होने वाली विदेश मामलों की स्थायी समिति की आगामी बैठक का उल्लेख किया, जिसमें विदेश सचिव विक्रम मिसरी को बुलाया गया है. उन्होंने ट्रंप के हस्तक्षेप के दावों और अतीत से स्पष्ट विचलन के बारे में भी बात की.