रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह और अमेरिकी रक्षा सचिव पीट हेगसेथ ने मंगलवार को टेलीफोन पर बातचीत की. जनवरी के बाद से तीसरी बार फोन पर हुई बातचीत में दोनों नेताओं ने रक्षा संबंधों के विस्तार, आतंकवाद और क्षेत्रीय सुरक्षा पर चर्चा की. यह बातचीत कश्मीर के पहलगाम में सीमा पार से हुए आतंकी हमले पर भारत की सैन्य प्रतिक्रिया और पाकिस्तान के साथ नए युद्धविराम समझौते के कुछ सप्ताह बाद हुई है.
दोनों पक्षों ने सैन्य आदान-प्रदान, रक्षा उद्योग साझेदारी और लॉजिस्टिक्स सहित विभिन्न क्षेत्रों में रक्षा सहयोग को गहरा करने की अपनी इच्छा जाहिर की. दोनों नेताओं ने ट्रेनिंग और सैन्य आदान-प्रदान सहित रक्षा क्षेत्र में दीर्घकालिक सहयोग से लेकर इंडस्ट्री के क्षेत्र में सहयोग का विस्तार करने तक के मुद्दों पर व्यापक चर्चा की. रक्षा मंत्री सिंह ने आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई में भारत को अमेरिका द्वारा दिए गए अटूट समर्थन की सराहना की. उन्होंने कहा कि सीमा पार आतंकवाद का पाकिस्तान का लंबा ट्रैक रिकॉर्ड दुनिया भर में जगजाहिर है.
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उन्होंने कहा कि पाकिस्तान दुनिया भर के आतंकवादियों के लिए एक सुरक्षित पनाहगाह बन गया है, क्योंकि अंतरराष्ट्रीय स्तर पर प्रतिबंधित आतंकवादियों को वहां छूट प्राप्त है. ऑपरेशन सिंदूर पर बोलते हुए, राजनाथ सिंह ने कहा कि भारत आतंकवाद के खिलाफ जवाब देने और बचाव करने तथा सीमा पार से होने वाले किसी भी हमले को रोकने और अपने नागरिकों की रक्षा करने का अधिकार रखता है. उन्होंने कहा कि 7 मई की भारत की कार्रवाई नपी-तुली और आतंकवादी ढांचे को निष्क्रिय करने पर केंद्रित थी.
को नए स्तर पर पहुंचा दिया है. पीट हेगसेथ ने द्विपक्षीय रक्षा साझेदारी को आगे बढ़ाने के लिए राजनाथ सिंह को व्यक्तिगत बैठक के लिए अमेरिका आमंत्रित किया. रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने एक्स पर एक पोस्ट में कहा कि भारत-अमेरिका रक्षा साझेदारी को और गहरा करने तथा क्षमता निर्माण में सहयोग को मजबूत करने के लिए चल रही तथा नई पहलों की समीक्षा करने के लिए मेरे अमेरिकी समकक्ष पीट हेगसेथ के साथ चर्चा हुई. राजनाथ सिंह ने जल्द ही अमेरिकी रक्षा सचिव से मिलने की उम्मीद जताई.