लोकसभा में विपक्ष के नेता राहुल गांधी और कांग्रेस समेत विपक्षी दलों ने चुनाव आयोग के खिलाफ मोर्चा खोल रखा है. राहुल गांधी और विपक्षी दलों का आरोप है कि भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) ने चुनाव आयोग के साथ मिलकर वोटर फ्रॉड किया है. कांग्रेस सूत्रों का कहना है कि 2024 के लोकसभा चुनाव में वोटर फ्रॉड की वजह से उसे करीब 70 सीटों पर शिकस्त झेलनी पड़ी.
ये ऐसी सीटें हैं, जहां जीत-हार का अंतर 50 हजार से कम वोट का रहा था. राहुल गांधी और कांग्रेस यह देख रहे हैं कि क्या इन सीटों पर बीजेपी की जीत वास्तविक थी. सूत्रों के मुताबिक राहुल गांधी ने ऐसी वोटर लिस्ट की वकालत की है, जिसे मशीन पढ़ सके लेकिन चुनाव आयोग ने इसे खारिज कर दिया है.
सूत्रों का यह भी कहना है कि सचिन पायलट की राय है कि पार्टी को सावधानी बरतनी चाहिए और हारने वाले उम्मीदवारों को अपनी नाकामी के लिए केवल वोट चोरी को दोष नहीं देना चाहिए. यह डेवलपमेंट ऐसे समय सामने आया है, जब विपक्ष और राहुल गांधी वोटर लिस्ट में गड़बड़ी के मुद्दे पर चुनाव आयोग पर हमलावर हैं.
विपक्षी दल इसे बिहार में चल रहे वोटर लिस्ट के स्पेशल इंटेंसिव रिवीजन से भी जोड़ रहे हैं. गौरतलब है कि राहुल गांधी ने 7 अगस्त को वोटर लिस्ट में फर्जी नाम जोड़े जाने का आरोप लगाया था और कर्नाटक की वोटर लिस्ट में गड़बड़ी दिखाई थी. उन्होंने बेंगलुरु सेंट्रल लोकसभा सीट के महादेवपुरा विधानसभा क्षेत्र में वोट चोरी का आरोप लगाया था.
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चुनाव आयोग ने राहुल गांधी और विपक्षी नेताओं के दावों को भ्रामक बताते हुए खारिज कर दिया था. विपक्षी दलों के सांसदों ने इस मुद्दे पर संसद भवन से चुनाव आयोग के कार्यालय तक, 11 अगस्त को मार्च भी निकाला था. लोकसभा में विपक्ष के नेता राहुल गांधी की अगुवाई में निकले इस मार्च में करीब 300 विपक्षी सांसद शामिल थे, जिसे दिल्ली पुलिस ने बीच में ही रोक दिया था.
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समाजवादी पार्टी के प्रमुख अखिलेश यादव समेत कई विपक्षी सदस्य उन्हें रोकने के लिए लगाए गए बैरिकेड्स फांद गए थे. दिल्ली पुलिस ने राहुल गांधी, अखिलेश यादव समेत कई विपक्षी सांसदों को हिरासत में ले लिया था. चुनाव आयोग ने विपक्ष के आरोप खारिज करते हुए बिहार वोटर लिस्ट रिवीजन के दौरान पारदर्शिता सुनिश्चित करने के लिए उठाए गए कदमों की जानकारी दी थी.