तेलुगु सुपरस्टार अल्लू अर्जुन को शुक्रवार को हैदराबाद पुलिस ने 'Pushpa 2: The Rise' के प्रीमियर पर मची भगदड़ और एक महिला की मौत के मामले में गिरफ्तार किया. हालांकि बाद में अल्लू अर्जुन को तेलंगाना हाईकोर्ट से अंतरिम जमानत मिल गई. बता दें कि 4 दिसंबर को हुई इस भगदड़ में रेवती नाम की महिला की मौत हो गई थी.
पुलिस ने अल्लू अर्जुन, उनके बॉडीगार्ड और Sandhya Theatre 70MM के प्रबंधन के खिलाफ भारतीय न्याय संहिता की धारा 105 (हत्या के प्रयास) और 118(1) (चोट पहुंचाने की सजा) के तहत मामला दर्ज किया है. पुलिस का कहना है कि थिएटर प्रबंधन ने अभिनेता के आने के बारे में कोई जानकारी नहीं दी थी और भीड़ नियंत्रण के लिए पर्याप्त इंतजाम नहीं किए गए थे.
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Pushpa 2 के प्रीमियर के दौरान बड़ी संख्या में प्रशंसक Sandhya Theatre पहुंचे थे. वे अल्लू अर्जुन और उनकी को-स्टार रश्मिका मंदाना को देखने के लिए वहां जमा हुए थे. पुलिस का आरोप है कि थिएटर प्रबंधन और अभिनेता के सुरक्षा दल ने भीड़ नियंत्रण के लिए कोई उचित प्रबंध नहीं किया था.
गिरफ्तारी और विवाद
शुक्रवार सुबह पुलिस ने अल्लू अर्जुन के घर पहुंचकर उन्हें और उनके बॉडीगार्ड को हिरासत में ले लिया. गिरफ्तारी के दौरान पुलिस के व्यवहार पर सवाल उठाए जा रहे हैं. वायरल वीडियो में देखा गया कि अल्लू अर्जुन ने पुलिस के घर में घुसने और उनकी निजता भंग करने पर आपत्ति जताई.
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उन्होंने यह भी कहा कि पुलिस ने उनकी बेडरूम तक उनका पीछा किया, जब वे कपड़े बदलने गए थे. अभिनेता ने इस पर आपत्ति जताई और कहा कि उन्हें इस तरह गिरफ्तार करना अनावश्यक था.
पुलिस की भूमिका पर सवाल
अल्लू अर्जुन की गिरफ्तारी के कुछ घंटों बाद Sandhya Theatre 70MM द्वारा 2 दिसंबर को पुलिस को लिखा गया एक पत्र सामने आया. इस पत्र में थिएटर प्रबंधन ने भारी भीड़ के अनुमान और सुरक्षा व्यवस्था की जरूरत के बारे में जानकारी दी थी.
पत्र पर पुलिस की मुहर लगी हुई थी, जो यह साबित करता है कि पुलिस को इस आयोजन की पूरी जानकारी थी. इसके बावजूद समय पर कोई कदम नहीं उठाया गया.
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कानून का दुरुपयोग?
कानूनी विशेषज्ञ और सोशल मीडिया यूजर्स ने अभिनेता पर लगाए गए 'culpable homicide not amounting to murder' जैसे गंभीर आरोपों को 'कानून का दुरुपयोग' बताया है. वकील सुनील शर्मा ने X पर लिखा, 'अल्लू अर्जुन पर इन आरोपों का कोई आधार नहीं है. क्या वे आयोजक थे? क्या उन्होंने भगदड़ करवाई?'
व्यंग्यकार और कॉलमिस्ट कमलेश सिंह, जो आजतक रेडियो के पॉडकास्ट 'तीन ताल' में ताउ के नाम से मशहूर हैं, ने X पर लिखा, 'अभिनेता अल्लू अर्जुन को अपनी ही फिल्म देखने के लिए सिनेमा हॉल जाने पर हिरासत में लिया गया.'
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सोशल मीडिया पर कई लोग इसे पुलिस की सख्ती और कानून के दुरुपयोग का मामला बता रहे हैं. इसके अलावा, कई लोगों ने इसे 'पब्लिसिटी स्टंट' करार दिया.
पुलिस की सख्ती पर चिंता
पुलिस पर यह भी आरोप लग रहा है कि वह अपनी लापरवाही छुपाने के लिए अल्लू अर्जुन और थिएटर प्रबंधन पर दोष मढ़ रही है. लोग यह भी सवाल उठा रहे हैं कि अगर एक सुपरस्टार के साथ इस तरह का व्यवहार हो सकता है, तो आम आदमी के लिए न्याय पाना कितना मुश्किल होगा.
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पुलिस का यह रवैया दिखाता है कि 75 साल की आजादी के बाद भी पुलिस का व्यवहार औपनिवेशिक मानसिकता से भरा हुआ है. ऐसे में हर मामले में सवाल उठाना और जवाबदेही तय करना जरूरी है, चाहे वह किसी सुपरस्टार का हो या आम आदमी का.