संसद में ऑपरेशन सिंदूर और पहलगाम आतंकी हमले पर चर्चा के दौरान विपक्ष की ओर से बार-बार यह कहा गया कि पाकिस्तान के साथ चीन और तुर्की समेत कई अन्य देशों का समर्थन रहा, लेकिन भारत को किसी देश का साथ नहीं मिला. लोकसभा में विपक्ष के नेता राहुल गांधी ने भी कहा कि ऑपरेशन सिंदूर के दौरान मोदी सरकार की विदेश नीति विफल रही. चीन और तुर्की ने पाकिस्तान की मदद की, लेकिन भारत का किसी देश ने समर्थन नहीं किया.
प्रधानमंत्री मोदी ने इन आरोपों का लोकसभा में जवाब देते हुए कहा कि पहलगाम आतंकी हमले के बाद भारत को जवाबी कार्रवाई करने से दुनिया के किसी देश ने रोका. उन्होंने जोर देकर यह भी कहा कि दुनिया के किसी नेता ने भारत को ऑपरेशन सिंदूर रोकने के लिए नहीं कहा. पीएम मोदी ने कहा कि हमने जैसा तय किया था, वैसी ही कार्रवाई की. यह टेक्नोलॉजिकल वॉरफेयर का युग है. हमारी मेड इन इंडिया मिसाइलों और टेक्नोलॉजी ने ऑपरेशन सिंदूर के दौरान अहम भूमिका निभाई.
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पीएम मोदी ने कहा कि हमारी तीनों सेनाओं ने पाकिस्तान के छक्के छुड़ा दिए. अब यह न्यू नॉर्मल है कि अगर भारत पर आतंकी हमला हुआ, तो भारत आएगा और मारकर जाएगा. आतंक के आकाओं को हमले के बाद चैन की नींद नहीं आती. अगर भारत पर हमला हुआ, तो हम अपनी शर्तों पर अपने तरीके से जवाब देकर रहेंगे. कोई भी न्यूक्लियर ब्लैकमेलिंग अब नहीं चलेगी. हम आतंकियों और उनकी सरपरस्त सरकार को अलग-अलग नहीं देखेंगे.
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प्रधानमंत्री मोदी ने लोकसभा में ऑपरेशन सिंदूर और पहलगाम आतंकी हमले पर चर्चा के दौरान कहा, 'यहां विदेश नीति और समर्थन को लेकर भी काफी बातें कही गईं. दुनिया में किसी भी देश ने भारत को अपनी सुरक्षा में कार्रवाई करने से रोका नहीं है. यूएन के 193 में सिर्फ 3 देशों ने पाकिस्तान के समर्थन में बयान दिया था. क्वॉड और ब्रिक्स जैसे संगठनों समेत दुनियाभर से भारत को समर्थन मिला. विदेश नीति पर स्पष्टता से कह रहा हूं, दुनिया का समर्थन तो मिला, लेकिन दुर्भाग्य है कि मेरे देश के वीरों के पराक्रम को कांग्रेस का समर्थन नहीं मिला.'