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शीतकालीन सत्र के अंतिम दिन 3 मिनट में स्थगित हुई लोकसभा, 111% रही प्रोडक्टिविटी

संसद के शीतकालीन सत्र का आगाज हंगामेदार हुआ था, इसका समापन भी हंगामेदार ही हुआ है. लोकसभा की कार्यवाही शुरू होने के बाद तीन मिनट के भीतर ही स्थगित करनी पड़ी. राज्यसभा भी 20 मिनट ही चल सकी.

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स्पीकर ओम बिरला ने हंगामे के बीच रखा कामकाज का हिसाब (File Photo- PTI)
स्पीकर ओम बिरला ने हंगामे के बीच रखा कामकाज का हिसाब (File Photo- PTI)

संसद के शीतकालीन सत्र के अंतिम दिन दोनों सदनों की कार्यवाही नहीं चल सकी. लोकसभा की कार्यवाही शुरू होने के बाद भारी हंगामे के कारण तीन मिनट के भीतर ही स्थगित करनी पड़ी. कुछ ऐसा ही हाल उच्च सदन का भी रहा. राज्यसभा की कार्यवाही हंगामे के बीच करीब 20 मिनट तक चली, लेकिन आखिर में सभापति सीपी राधाकृष्णन ने इसे अनिश्चितकाल के लिए स्थगित करने का ऐलान कर दिया.

लोकसभा की कार्यवाही जैसे ही शुरू हुई, विपक्षी सदस्यों ने जी राम जी बिल को लेकर हंगामा शुरू कर दिया. विपक्षी सदस्य वेल में आ गए और नारेबाजी करने लगे. स्पीकर ओम बिरला ने हंगामे के बीच ही प्रश्नकाल की कार्यवाही शुरू कराई. स्पीकर ने विपक्षी सदस्यों से अपनी सीट पर लौटने की अपील भी की, लेकिन इसका कोई असर नहीं हुआ. इसके बाद स्पीकर ने सदन की कार्यवाही अनिश्चितकाल के लिए स्थगित करने का ऐलान कर दिया.

स्पीकर ओम बिरला ने कार्यवाही स्थगित होने से पहले इस सत्र के दौरान हुए कामकाज का ब्यौरा भी रखा. उन्होंने बताया कि इस सत्र में हमने 15 बैठकें कीं और सभी के सहयोग से प्रोडक्टिविटी 111 प्रतिशत रही. स्पीकर बिरला ने सदस्यों का धन्यवाद करते हुए कहा कि सभी सदस्यों ने देर रात तक बैठकर सदन चलाने में सहयोग किया, इसके बाद स्पीकर ने सदन की कार्यवाही अनिश्चितकाल के लिए स्थगित करने की घोषणा कर दी.

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वहीं, राज्यसभा में भी कार्यवाही शुरू होने के बाद हंगामा हो गया. सभापति सीपी राधाकृष्णन ने हंगामे के बीच ही कार्यवाही जारी रखी. करीब 20 मिनट तक सदन चला भी, लेकिन फिर सभापति को कार्यवाही अनिश्चितकाल के लिए स्थगित करने की घोषणा कर दी. दोनों ही सदनों में हंगामा वीबी-जी राम जी बिल को लेकर ही हुआ.

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गौरतलब है कि सरकार मनरेगा की जगह जी राम जी बिल लेकर आई. इस बिल पर देर रात तक चली चर्चा के बाद गुरुवार को लोकसभा में शिवराज सिंह चौहान ने इसका जवाब दिया. यह बिल लोकसभा से पारित होने के बाद राज्यसभा में पेश किया गया. राज्यसभा में भी चर्चा के बाद इसे पारित कर दिया गया था और अब यह कानून बनने की राह पर है.

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