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IIT से मास्टर डिग्री, पांच भाषाओं पर पकड़... कौन हैं UNHRC में पाकिस्तान की धुलाई करने वाले क्षितिज त्यागी

संयुक्त राष्ट्र में कुछ दिन पहले भी क्षितिज त्यागी ने पाकिस्तान को जमकर फटकार लगाई थी. तब उन्होंने पहलगाम हमले पर भारत के जवाब का जिक्र करते हुए कहा हमें किसी टेरर स्पॉन्सर देश से कोई सीख नहीं चाहिए और न ही हमें अल्पसंख्यकों पर अत्याचार करने वालों से किसी तरह के उपदेश सुनने हैं. उन्होंने पाकिस्तान को 'विफल राष्ट्र' बताते हुए कहा कि वह खैरात पर पल रहा है.

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UNHRC में पाकिस्तान पर फिर बरसे क्षितिज त्यागी (Photo: ITG)
UNHRC में पाकिस्तान पर फिर बरसे क्षितिज त्यागी (Photo: ITG)

संयुक्त राष्ट्र में भारत का पक्ष रखते हुए आजकल क्षितिज त्यागी के नाम की चर्चा हर तरफ है. 2012 बैच के भारतीय विदेश सेवा (IFS) अधिकारी क्षितिज त्यागी ने जिनेवा में संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार परिषद (UNHRC) के सत्र के दौरान पाकिस्तानी डेलिगेशन को तीखा जवाब दिया. उन्होंने इस्लामाबाद पर 'अपने ही लोगों पर बमबारी' करने और भारत के खिलाफ झूठ परोसने के लिए मंच का दुरुपयोग करने का आरोप लगाया.

पाकिस्तान को सुनाई खरी-खरी

क्षितिज त्यागी जिनेवा स्थित UNHRC में भारत के स्थायी मिशन में काउंसलर के रूप में कार्यरत हैं. एजेंडा आइटम चार के तहत बोलते हुए उन्होंने पाकिस्तान की दखल को 'भड़काऊ बयान' बताकर खारिज कर दिया, जिसका मकसद अपनी आंतरिक चुनौतियों से ध्यान भटकाना था.

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उन्होंने पाकिस्तान को आड़े हाथों लेते हुए कहा, 'इस नजरिए के बिल्कुल विपरीत एक प्रतिनिधिमंडल भारत के खिलाफ निराधार और भड़काऊ बयानों के साथ इस मंच का दुरुपयोग करता रहता है.' उन्होंने पाकिस्तान से अवैध रूप से कब्जाए गए भारतीय इलाके (PoK) को खाली करने, अपनी लड़खड़ाती अर्थव्यवस्था पर ध्यान देने की अपील की. साथ ही सेना के अधीन सत्ता और उत्पीड़न, संयुक्त राष्ट्र की ओर से प्रतिबंधित आतंकवादियों को पनाह देने और आतंकवाद के एक्सपोर्ट से प्रभावित मानवाधिकार रिकॉर्ड को सुधारने को कहा है.

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IIT खड़गपुर से पासआउट

आईआईटी खड़गपुर के पूर्व छात्र और थर्मल एनर्जी एवं पर्यावरण इंजीनियरिंग में पोस्ट ग्रेजुएट त्यागी अपने राजनयिक करियर में एक मज़बूत शैक्षणिक और प्रोफेशनल बैकग्राउंड लेकर आए हैं. विदेश मंत्रालय में अपने 13 साल के कार्यकाल के दौरान वह लिस्बन, ब्रासीलिया, काहिरा और नई दिल्ली में प्रमुख पदों पर रह चुके हैं, जहां उन्होंने डिप्टी सेक्रेटरी और ओएसडी के रूप में प्रेस संबंधों को संभाला. जनवरी 2024 से, त्यागी जिनेवा में भारत की एक प्रमुख आवाज रहे हैं.

अंग्रेजी, हिंदी, उर्दू, पुर्तगाली और अरबी में निपुण क्षितिज त्यागी की भाषाई बहुमुखी प्रतिभा उनकी कूटनीतिक क्षमता को बढ़ाती है. लाल बहादुर शास्त्री राष्ट्रीय प्रशासन अकादमी (LBSNAA) और विदेश सेवा संस्थान में उनकी ट्रेनिंग ने क्षितिज को वैश्विक मंच पर भारत के हितों के एक सशक्त प्रतिनिधि के रूप में गढ़ा है. संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार परिषद (UNHRC) में उनके तीखे और मजबूत संबोधन इस बात की गवाही भी देते हैं. 

'खैरात पर पलता है पाकिस्तान'

यह पहली बार नहीं है जब क्षितिज त्यागी ने पाकिस्तान की आलोचना की हो. इसी साल फरवरी में, संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार परिषद के एक सत्र के दौरान, त्यागी ने पाकिस्तान पर अंतरराष्ट्रीय मदद का फायदा उठाकर मानवाधिकारों का दुरुपयोग करने का आरोप लगाया था.

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जिनेवा में संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार परिषद के 58वें नियमित सत्र के हाई लेवल सेगमेंट में एक बयान देते हुए, उन्होंने कहा कि पाकिस्तान 'अस्थिरता पर फलता-फूलता है और खैरात पर पलता है. उसकी बयानबाजी पाखंड को दिखाती है, उसके कामों से अमानवीयता की बू आती है और उसका शासन अक्षमता से भरा हुआ है.

 

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