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अमेरिका से डेयरी आयात क्यों नहीं करेगा भारत? लैक्टोज इनटॉलरेंस से लेकर ये हैं बड़ी वजहें

मुद्दा सिर्फ आर्थिक नुकसान का नहीं, बल्कि उत्पादों की गुणवत्ता का भी है. दूध और डेयरी उत्पाद भारतीय घरों का अहम हिस्सा हैं. अमेरिका से आयातित डेयरी उत्पादों की सबसे बड़ी समस्या है कि वहां ग्रोथ हार्मोन्स और जेनेटिकली मॉडिफाइड ऑर्गेनिज्म्स (GMO) का इस्तेमाल होता है, जो भारत में प्रतिबंधित हैं.

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Lactose Intolerance
Lactose Intolerance

भारत में दूध और तेल, जो जिंदगी की रीढ़ हैं, अब अमेरिका के साथ व्यापारिक रिश्तों में खटास ला रहे हैं. अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने भारत के रूसी तेल खरीदने के रुख पर टैरिफ को दोगुना कर 50% कर दिया. वहीं, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने साफ कर दिया कि भारत अपने हितों को पहले रखेगा, भले ही इसके लिए भारी कीमत चुकानी पड़े. उन्होंने कहा कि भारत कभी भी किसानों, मछुआरों और डेयरी किसानों के हितों से समझौता नहीं करेगा. लेकिन, अमेरिका के साथ व्यापारिक डील का भारतीय डेयरी किसानों पर क्या असर पड़ेगा?

डेयरी किसानों की आजीविका पर खतरा

एसबीआई रिसर्च की जुलाई की रिपोर्ट के मुताबिक अमेरिका के लिए कृषि और डेयरी सेक्टर को खोलने की सबसे बड़ी कीमत होगी भारतीय किसानों, खासकर छोटे डेयरी किसानों की आजीविका पर खतरा. अमेरिका में डेयरी सेक्टर को भारी सब्सिडी मिलती है. भारत में दूध की कीमत करीब 50 रुपये प्रति लीटर है. अगर अमेरिकी कंपनियों के लिए डेयरी सेक्टर खोला गया, तो यह कीमत घटकर 32 रुपये प्रति लीटर हो सकती है. इससे किसानों की आय पर भारी चोट पड़ेगी और अर्थव्यवस्था भी प्रभावित होगी.

कितना बड़ा होगा नुकसान?

अगर दूध की कीमत में सिर्फ 15% की कमी आती है तो कुल राजस्व में 1.8 लाख करोड़ रुपये का नुकसान होगा.
किसानों की आय में 1.03 लाख करोड़ रुपये की कमी आएगी. डेयरी सेक्टर, जो अर्थव्यवस्था में 2.5-3% यानी 7.5-9 लाख करोड़ रुपये का योगदान देता है, को 51,500 करोड़ रुपये का नुकसान होगा.

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सिर्फ पैसों की बात नहीं, क्वालिटी भी मुद्दा

मुद्दा सिर्फ आर्थिक नुकसान का नहीं, बल्कि उत्पादों की गुणवत्ता का भी है. दूध और डेयरी उत्पाद भारतीय घरों का अहम हिस्सा हैं. अमेरिका से आयातित डेयरी उत्पादों की सबसे बड़ी समस्या है कि वहां ग्रोथ हार्मोन्स और जेनेटिकली मॉडिफाइड ऑर्गेनिज्म्स (GMO) का इस्तेमाल होता है, जो भारत में प्रतिबंधित हैं.

एसबीआई रिपोर्ट में कहा गया कि अगर डेयरी सेक्टर खोला गया, तो भारत में जीएम फूड्स की बाढ़ आ सकती है. इससे पब्लिक हेल्थ स्टैंडर्ड्स पर विवाद बढ़ेगा.

लैक्टोज इनटॉलरेंस और भारत का रुख

भारत में लैक्टोज इनटॉलरेंस (दूध पचाने में दिक्कत) पहले से एक बड़ी समस्या है. ऐसे में अमेरिकी डेयरी उत्पादों का आयात न सिर्फ किसानों की आजीविका को खतरे में डालेगा, बल्कि स्वास्थ्य संबंधी जोखिम भी बढ़ाएगा. पीएम मोदी का स्टैंड साफ है कि भारत अपने डेयरी किसानों की रक्षा करेगा, चाहे इसके लिए कितनी भी कीमत चुकानी पड़े.

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