संसद का मॉनसून सत्र चल रहा है और दोनों सदनों में गतिरोध दूसरे दिन भी जारी रहा. मंगलवार को भी सदन की कार्यवाही नहीं चल सकी. संसद में जारी गतिरोध के लिए संसदीय कार्य मंत्री किरेन रिजिजू ने कांग्रेस और अन्य विपक्षी दलों को जिम्मेदार बताया है.
लोकसभा की कार्यवाही स्थगित होने से पहले रिजिजू ने कहा कि यहां सभी विपक्षी नेता मौजूद हैं, बिजनेस एडवाइजरी कमेटी (बीएसी) में किसी भी विषय पर चर्चा का निर्णय अभी फाइनल नहीं किया गया है. उन्होंने कहा कि बीएसी में ये चर्चा हुई थी कि सबसे पहले ऑपरेशन सिंदूर पर चर्चा होगी और उसका टाइम भी फिक्स किया गया है.
किरेन रिजिजू ने कहा कि चर्चा किस नियम के तहत होगी, अभी यह तय किया जाना है. अब एक साथ सभी मुद्दों पर चर्चा करना चाहते हैं, तो यह कैसे संभव हो सकता है. विपक्ष पर हमला बोलते हुए उन्होंने कहा कि ये (विपक्षी सांसद) यहां जो तख्तियां लेकर के नियमों के खिलाफ जो प्रदर्शन करते हैं, मैं उसका खंडन करता हूं. ये निंदनीय है.
रिजिजू ने कहा कि बीएसी में सबने कहा कि ये प्लेकार्ड लेकर के नहीं आएंगे, फिर इस तरह से सदन को डिस्टर्ब करना आपत्तिजनक है. उन्होंने कहा कि वो (विपक्षी सदस्य) चर्चा मांग रहे हैं, हम चर्चा के लिए तैयार हैं. फिर ये सदन चलने नहीं देते हैं. ये डबल स्टैंडर्ड गलत बात है. चर्चा चाहते हैं, तो ये हंगामा मत करो.
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संसदीय कार्य मंत्री रिजिजू ने गतिरोध के लिए विपक्ष को जिम्मेदार ठहराते हुए कहा कि सरकार ने बार-बार यह कहा है कि हम चर्चा करना चाहते हैं. फिर ये हंगामा क्यों कर रहे हैं. उन्होंने कहा कि देश की करोड़ों टैक्स मनी को आप लोग हंगामा करके बर्बाद कर रहे हैं, जवाब देना पड़ेगा. कांग्रेस और उसके कुछ साथी दो दिन से जो हंगामा कर रहे हैं, मैं इसका खंडन करना चाहता हूं.
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इससे पहले, विपक्षी दलों के सांसद तख्तियां लेकर वेल में आ गए और बिहार में मतदाता सूची का पुनरीक्षण और सत्यापन (SIR) वापस लेने की मांग को लेकर नारेबाजी की. लोकसभा की कार्यवाही शुरू होते ही हंगामा और नारेबाजी भी शुरू हो गई. हंगामे के कारण सदन की कार्यवाही पहले दोपहर 12 बजे तक, फिर दो बजे तक और इसके बाद दिनभर के लिए स्थगित करनी पड़ी.