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3 साल की सजा, 5 हजार का जुर्माना... कर्नाटक सरकार ला रही 'क्राउड कंट्रोल बिल', RCB की जीत के जश्न में भगदड़ के बाद फैसला

RCB की जीत पर हुए अनियंत्रित जश्न ने जिस तरह से उत्सव को शोक में बदल दिया, उसके बाद सरकार पर सुरक्षा व्यवस्था को लेकर सवाल उठे थे. अब यह विधेयक राज्य में भीड़ नियंत्रण को लेकर एक नई व्यवस्था की शुरुआत कर सकता है.

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कर्नाटक की कांग्रेस सरकार क्राउड कंट्रोल बिल लेकर आ रही है (फाइल फोटो)
कर्नाटक की कांग्रेस सरकार क्राउड कंट्रोल बिल लेकर आ रही है (फाइल फोटो)

रॉयल चैलेंजर्स बेंगलुरु (RCB) की विक्ट्री परेड के दौरान मची भगदड़ मामले को ध्यान में रखते हुए कर्नाटक सरकार ने बड़ा कदम उठाया है. राज्य सरकार ने इस तरह की घटनाओं को रोकने के लिए 'कर्नाटक भीड़ नियंत्रण विधेयक 2025' (Karnataka Crowd Control Bill, 2025) का मसौदा तैयार किया है. यह मसौदा आज कैबिनेट बैठक में चर्चा के लिए पेश किया गया, और उम्मीद है कि अगली कैबिनेट बैठक में इसे मंजूरी मिल जाएगी.

नए कानून का उद्देश्य बड़े सार्वजनिक आयोजनों को नियंत्रित करना और भविष्य में किसी भी प्रकार की अव्यवस्था या भगदड़ जैसी घटनाओं को रोकना है. प्रस्तावित विधेयक के तहत बिना अनुमति या तय मानकों के उल्लंघन पर 3 साल तक की जेल की सजा का प्रावधान होगा. साथ ही ₹5,000 तक का जुर्माना भी लगाया जा सकता है.

हालांकि, सरकार ने स्पष्ट किया है कि यह कानून धार्मिक और पारंपरिक आयोजनों पर लागू नहीं होगा. इसमें मेलों, रथ यात्राओं, पालकी उत्सव, नौका महोत्सव (तेप्पोत्सव), उर्स जैसे धार्मिक कार्यक्रमों को बाहर रखा गया है.

इवेंट प्लानर के खिलाफ सख्त प्रावधान

इस बिल के अनुसार, जो भी व्यक्ति पुलिस के निर्देशों का उल्लंघन करता है या कानून तोड़ता है, उसे जेल, जुर्माना या दोनों की सजा हो सकती है. खासकर इवेंट प्लानर जैसे खेल, सर्कस या अन्य कार्यक्रम आयोजित करने वालों के लिए यह नियम और भी सख्त होंगे. अगर ऐसे आयोजक बिना पुलिस अनुमति के कार्यक्रम करते हैं, भीड़ को संभाल नहीं पाते, नुकसान होने पर मुआवज़ा नहीं देते या कोई और गलती करते हैं, तो उन्हें तीन साल तक की जेल, पांच लाख रुपये तक का जुर्माना या दोनों हो सकते हैं.

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अगर आयोजक की लापरवाही या बिना अनुमति के कार्यक्रम के कारण किसी की मौत या चोट होती है, तो इसे गंभीर अपराध माना जाएगा. इस कानून के तहत सभी अपराध गैर-संज्ञेय (Non-Cognisable) और गैर-जमानती (Non-Bailable) होंगे और इनकी सुनवाई प्रथम श्रेणी मजिस्ट्रेट की अदालत में होगी.

मसौदा विधेयक के अनुसार, ‘इवेंट प्लानर’ उन व्यक्तियों या समूहों को कहा गया है जो सरकार द्वारा अधिसूचित बड़े आयोजनों जैसे राजनीतिक रैलियों, सम्मेलनों या खेल आयोजनों का आयोजन करते हैं. वहीं 'भीड़' को ऐसे बड़े और कई बार अनियंत्रित जमावड़े के रूप में परिभाषित किया गया है.

बेंगलुरु भगदड़ में गई थी 11 लोगों की जान

बता दें कि इंड‍ियन प्रीम‍ियर लीग (IPL) 2025 के इत‍िहास में RCB (रॉयल चैलेंजर्स बेंगलुरु) की टीम पहली बार चैम्प‍ियन बनी. उसने 3 जून को पंजाब किंग्स (PBKS) को 6 रनों से हराया. इस जीत के ठीक एक दिन बाद 4 जून को बेंगलुरु में व‍िक्ट्री परेड का आयोजन किया गया, पहले यह ओपन बस में होनी थी, लेकिन फ‍िर ऐसा नहीं हुआ. 

बाद में व‍िक्ट्री परेड से पहले एक हादसा हुआ, जहां 11 लोगों की मौत हुई और कई घायल हुए. इस मामले में बाद में RCB मैनेजमेंट, कर्नाटक क्रिकेट राज्य संघ (KSCA), भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (BCCI) ने पल्ला झाड़ लिया. बाद में 5 जून हाईकोर्ट को भी इस मामले में दखल देना पड़ा और 10 जून तक पूरे मामले की रिपोर्ट मांगी थी. 

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