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अमेरिका से व्यापार वार्ता कर लौटी भारतीय टीम, जल्द ही हो सकता है कोई बड़ा ऐलान

यह वार्ता ऐसे समय में हुई जब अमेरिका ने भारतीय उत्पादों पर 25% टैरिफ और 25% अतिरिक्त पेनल्टी लगा दी थी. इसके अलावा, अचानक H-1B वीज़ा शुल्क को 1 लाख डॉलर तक बढ़ाने का फैसला भी भारतीय आईटी उद्योग के लिए चिंता का विषय बन गया है.

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H-1B वीज़ा शुल्क वृद्धि और टैरिफ विवाद के बीच हुई वार्ता (Photo- ITG)
H-1B वीज़ा शुल्क वृद्धि और टैरिफ विवाद के बीच हुई वार्ता (Photo- ITG)

भारत और अमेरिका के बीच प्रस्तावित व्यापार समझौते को लेकर न्यूयॉर्क में हुई महत्वपूर्ण बातचीत के बाद भारतीय टीम वापस लौट आई है. वाणिज्य एवं उद्योग मंत्री पीयूष गोयल, जिन्होंने टीम का नेतृत्व किया, शुक्रवार को वापस आएंगे.

पीयूष गोयल के साथ मंत्रालय के वरिष्ठ अधिकारी और विशेष सचिव तथा भारत के मुख्य वार्ताकार राजेश अग्रवाल भी शामिल थे. इस दौरान पीयूष गोयल ने अपने अमेरिकी समकक्ष के साथ चर्चा की थी. सूत्रों के अनुसार, दोनों देशों के अधिकारियों ने जल्द से जल्द और पारस्परिक लाभकारी निष्कर्ष तक पहुंचने पर सहमति जताई है.

यह वार्ता व्यापार और गैर-व्यापार, दोनों तरह के मुद्दों पर केंद्रित थी. यह वार्ता ऐसे समय में हुई है जब अमेरिका ने रूस से कच्चे तेल की खरीद के कारण भारतीय सामानों पर 25 प्रतिशत अतिरिक्त टैरिफ लगा दिया था. इसके अलावा, अमेरिका द्वारा H-1B वीजा के आवेदन शुल्क में अचानक की गई 100,000 डॉलर की बढ़ोतरी भी एक अहम मुद्दा थी, जिससे भारतीय टेक्नोलॉजी कंपनियों पर असर पड़ा है.

पहले अमेरिकी टीम आई थी भारत

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यह यात्रा हाल ही में नई दिल्ली में अमेरिकी मुख्य वार्ताकार ब्रेंडन लिंच और अग्रवाल के बीच प्रस्तावित द्विपक्षीय व्यापार समझौते पर हुई एक दिवसीय चर्चा की पृष्ठभूमि में में हुई. 16 सितंबर को, वाणिज्य मंत्रालय ने कहा कि द्विपक्षीय व्यापार समझौते पर दौरे पर आई अमेरिकी टीम के साथ दिन भर चली चर्चा सकारात्मक रही और दोनों पक्ष समझौते को शीघ्र और पारस्परिक रूप से लाभकारी बनाने के लिए प्रयास करने पर सहमत हुए.

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इस साल फरवरी में, दोनों देशों के नेताओं ने एक द्विपक्षीय व्यापार समझौते (BTA) पर बातचीत करने का निर्देश दिया था. इसका लक्ष्य 2030 तक मौजूदा 191 अरब डॉलर के द्विपक्षीय व्यापार को दोगुना करके 500 अरब डॉलर (लगभग ₹41 लाख करोड़) से अधिक करना है. अब तक इस समझौते पर बातचीत के पांच दौर हो चुके हैं.

मई में भी अमेरिका गए थे गोयल

गोयल इससे पहले मई में व्यापार वार्ता के लिए वाशिंगटन गए थे. उस यात्रा के दौरान, उन्होंने अमेरिकी वाणिज्य सचिव हॉवर्ड लुटनिक और अमेरिकी व्यापार प्रतिनिधि जैमीसन ग्रीर के साथ विचार-विमर्श किया था.

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अमेरिका 2024-25 में लगातार चौथे वर्ष भारत का सबसे बड़ा व्यापारिक साझेदार बना रहा, जिसका द्विपक्षीय व्यापार 131.84 अरब अमेरिकी डॉलर (86.5 अरब अमेरिकी डॉलर का निर्यात) रहा. भारत के कुल वस्तु निर्यात में अमेरिका की हिस्सेदारी लगभग 18 प्रतिशत, आयात में 6.22 प्रतिशत और देश के कुल व्यापारिक व्यापार में 10.73 प्रतिशत है.

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