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Explainer: किसे और कैसे मिलती है सरकारी सुरक्षा, कितना होता है राज्य और केंद्र सरकार का रोल

पंजाबी सिंगर सिद्धू मूसेवाला की हत्या के बाद भगवंत मान की सरकार ने 424 लोगों की सुरक्षा फिर से बहाल करने का फैसला लिया है. सरकार ने बताया है कि 7 जून तक सभी की सुरक्षा बहाल कर दी जाएगी.

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खतरे का आकलन को व्यक्ति को सुरक्षा देने की जिम्मेदारी राज्य सरकार की होती है. (प्रतीकात्मक तस्वीर)
खतरे का आकलन को व्यक्ति को सुरक्षा देने की जिम्मेदारी राज्य सरकार की होती है. (प्रतीकात्मक तस्वीर)
स्टोरी हाइलाइट्स
  • देश में करीब 20 हजार लोगों को मिली हुई है सरकारी सुरक्षा
  • 65 हजार से ज्यादा पुलिसकर्मी वीवीआईपी की सुरक्षा में तैनात

पंजाब की भगवंत मान (Bhagwant Mann) सरकार ने 424 लोगों की सिक्योरिटी को फिर से बहाल करने का फैसला लिया है. सरकार ने पंजाब और हरियाणा हाईकोर्ट में इसकी जानकारी दी. पंजाब सरकार ने हाईकोर्ट को बताया कि 7 जून तक सभी 424 लोगों की सिक्योरिटी को बहाल कर दिया जाएगा. 

जिनकी सिक्योरिटी को बहाल किया गया है, उनमें सिद्धू मूसेवाला (Sidhu Moose Wala) का नाम भी शामिल है. ये अलग बात है कि सिद्धू मूसेवाला की हत्या 29 मई को ही हो गई थी, जिसके एक दिन पहले सरकार ने उनसे सिक्योरिटी वापस ली थी. सिक्योरिटी हटने के एक दिन बाद ही मूसेवाला की हत्या होने से मान सरकार घिरी हुई है. 

पंजाब सरकार ने इन 424 लोगों की सिक्योरिटी को हटाते हुए बताया था कि ऑपरेशन ब्लू स्टार और घल्लुघारा सप्ताह होने के कारण कानून व्यवस्था बनाए रखने के लिए पुलिस की जरूरत है, इसलिए अस्थायी तौर पर सिक्योरिटी हटाई जा रही है.

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किसे और कैसे मिलती है सरकारी सुरक्षा?

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-संविधान की सातवीं अनुसूची के तहत पुलिस और सार्वजनिक व्यवस्था राज्य के अंतर्गत आते हैं. किसी व्यक्ति को सिक्योरिटी देने की जिम्मेदारी राज्य सरकार की होती है. 

-किस व्यक्ति को सुरक्षा मिलेगी, ये सुरक्षा एजेंसियां खतरे के आधार पर तय करती हैं. अगर किसी व्यक्ति को आतंकवादियों या उग्रवादियों की ओर से धमकी मिल रही है या उनसे खतरा है, तो उस व्यक्ति को सुरक्षा दी जाएगी. इतना ही नहीं, अगर किसी को माफिया या गैंगस्टर्स से भी जान का खतरा है तो उस व्यक्ति को भी राज्य सरकार सुरक्षा मुहैया कराएगी.

- खतरे के आकलन के आधार पर ही सिक्योरिटी हासिल व्यक्ति की सुरक्षा को बढ़ाया जाता है, कम किया जाता है या वापस लिया जाता है. 

- ये काम सिक्योरिटी एक्सपर्ट की दो कमेटियां करती हैं. इसके अलावा राज्य सरकारें केंद्रीय गृह मंत्रालय के साथ भी सिक्योरिटी कवर व्यक्तियों की सुरक्षा को लेकर तालमेल रखती हैं.

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केंद्र सरकार की भूमिका?

-केंद्र सरकार केंद्रीय स्तर पर सुरक्षा संभालती है. प्रधानमंत्री, राष्ट्रपति, उपराष्ट्रपति, सुप्रीम कोर्ट के चीफ जस्टिस जैसे सरकारी पदों पर तैनात बड़े अफसरों को केंद्र सरकार सुरक्षा मुहैया कराती है.

- इनके अलावा केंद्र सरकार उन लोगों को भी सुरक्षा प्रदान करवाती है, जिनकी जान को खतरा होता है. इसमें समाज में ऊंचा रुतबा रखने वाले लोग होते हैं. 

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- केंद्र सरकार ने सुरक्षा के लिए पांच कैटेगरी बना रखी है. इसमें X, Y, Y+, Z और Z+ शामिल है. खतरे के हिसाब से व्यक्ति को सुरक्षा मिलती है. 

देश में कितने लोगों को मिलती है सुरक्षा?

- इसका अभी कोई ताजा आंकड़ा नहीं है. पिछले साल 9 मार्च को लोकसभा में गृह राज्य मंत्री ने बताया था कि 230 लोग ऐसे हैं जिन्हें केंद्र सरकार सुरक्षा मुहैया करवाती है.

- इसके अलावा राज्य सरकारें 19 हजार से ज्यादा लोगों को सुरक्षा देती हैं. ब्यूरो ऑफ पुलिस रिसर्च एंड डेवलपमेंट (BPRD) की रिपोर्ट के मुताबिक, दिसंबर 2019 तक देशभर में 19,487 VIP थे, जिनकी सुरक्षा में 66,043 पुलिसकर्मी लगे थे.

 

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