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राहुल गांधी कल IPS पूरन कुमार के घर जाएंगे, पीड़ित परिवार से करेंगे मुलाकात

कांग्रेस नेता और लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी, चंडीगढ़ जाकर स्वर्गीय आईपीएस पूरन कुमार को श्रद्धांजलि देंगे. पूरन कुमार ने 7 अक्टूबर को आत्महत्या की थी. उनके सुसाइड नोट में कुछ अधिकारियों पर गंभीर आरोप लगे हैं, जिन पर कार्रवाई जारी है.

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आत्महत्या करने वाले अधिकारी के परिजनों से मिलेंगे राहुल गांधी (File Photo: ITG)
आत्महत्या करने वाले अधिकारी के परिजनों से मिलेंगे राहुल गांधी (File Photo: ITG)

कांग्रेस लीडर और लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी चंडीगढ़ में स्वर्गीय पूरन कुमार (आईपीएस) को श्रृद्धांजलि देने के लिए कल यानी 14 अक्टूबर को उनके घर जाएंगे. राहुल गांधी परिजनों से मिलकर उन्हें सांत्वना देने के मकसद से चंडीगढ़ जाने वाले हैं. इससे पहले खबर आई थी कि कांग्रेस संसदीय दल की अध्यक्ष सोनिया गांधी और सांसद प्रियंका गांधी पूरन कुमार के आवास पर जाएंगी.

हरियाणा के सीनियर आईपीएस अधिकारी वाई पूरन कुमार ने 7 अक्टूबर 2025 को चंडीगढ़ में अपने आवास पर सर्विस रिवॉल्वर से गोली मारकर आत्महत्या कर ली थी. वे 2001 बैच के अधिकारी थे और रोहतक के पुलिस ट्रेनिंग सेंटर में इंस्पेक्टर जनरल के पद पर तैनात थे.

खुदकुशी के बाद मौके से एक नोट बरामद हुआ था, जिसमें उन्होंने साथ काम करने वाले अधिकारियों पर कई तरह के आरोप लगाए थे. खुलासा होने के बाद आरोपियों पर कार्रवाई की जा रही है. 

पद से हटाए गए सीनियर अधिकारी...

हरियाणा के सीनियर पुलिस अधिकारी और रोहतक के पुलिस अधीक्षक नरेंद्र बिजारनिया को आईपीएस अधिकारी पूरन कुमार की कथित आत्महत्या से जुड़े मामले में नाम आने के बाद उनके पद से हटा दिया गया है. बिजारनिया की जगह सुरिंदर सिंह भोरिया को रोहतक का एसपी बनाया गया है. फिलहाल बिजारनिया को कोई पद नहीं दिया गया है.

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यह कदम पूरन कुमार की पत्नी, आईएएस अधिकारी अमनीत पूरन कुमार द्वारा पुलिस स्टेशन में एक औपचारिक शिकायत दर्ज कराने के बाद उठाया गया है, जिसमें हरियाणा के डीजीपी शत्रुजीत कपूर, रोहतक एसएसपी और अन्य सीनियर अधिकारियों के खिलाफ उत्पीड़न और उकसावे का आरोप लगाया गया है.

यह भी पढ़ें: IPS पूरन कुमार के शव का सात दिन बाद भी नहीं हो सका पोस्टमार्टम, आखिर क्या चाहता है परिवार?

पूरन कुमार की पत्नी की शिकायत में सुसाइड नोट में नामित सीनियर अधिकारियों के खिलाफ एफआईआर और गिरफ्तारी, उनके परिवार की सुरक्षा और उनके अधिकारों की रक्षा की मांग की गई थी. उनकी शिकायत के बाद, 13 अधिकारियों के खिलाफ एफआईआर दर्ज की गई.

इस बीच, हरियाणा के मुख्यमंत्री नायब सैनी ने इस मामले पर अपनी चुप्पी तोड़ते हुए कहा कि न्याय सुनिश्चित किया जाएगा और किसी को भी बख्शा नहीं जाएगा, चाहे उसकी स्थिति कुछ भी हो.

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