बाल विवाह निषेध (संशोधन) विधेयक 2021 के तहत सभी धर्मों में लड़कियों के विवाह के लिए कानूनी न्यूनतम आयु को 18 से बढ़ाकर 21 वर्ष करने की तैयारियों के बीच कई जगह आनन- फानन में निकाह होने लगे हैं.
आनन-फानन में शादियां
पिछले शुक्रवार को, हैदराबाद के काला पत्थर इलाके की रहने वाली 40 वर्षीय हमीदा सुल्तान को अपनी बेटी के होने वाले सास-ससुर के परिवार से फोन आया कि वे तुरंत शादी चाहते हैं. पहले दोनों परिवारों ने बाद में शादी की तारीख पर सहमति जताई थी, लेकिन केंद्र सरकार द्वारा महिलाओं की शादी की कानूनी उम्र बढ़ाकर 21 करने की खबर ने खलबली मचा दी. हमीदा का कहना है कि “कोविड ने पहले ही हमें मारा है और अब यह शादी का कानून. हम कैसे सामना करेंगे और जीवित रहेंगे? मेरी तीन बेटियां हैं. बड़ी की शादी 18 साल में की थी. रविवार को हमने आनन-फानन में अपनी दूसरी बेटी की शादी कराई.'
'बेटी की शादी के लिए इंतजार नहीं कर सकते'
इसी तरह हैदराबाद की ही तौफीक के छह बच्चे, चार बेटियां और दो बेटे हैं. उनके पति ऑटो ड्राइवर थे. वे अब, कोविड के कारण बेरोजगार हैं. तौफीक का कहना है कि ''हम अपने बच्चों की शिक्षा का खर्च वहन नहीं कर सकते. मुझे कुछ स्वास्थ्य की दिक्कतें हैं. हर महीने अपने इलाज पर 15,000 रुपये खर्च होता है. ऐसे में हम अपनी बेटी की शादी का इंतजार नहीं कर सकते.''
कानून की खबर सुनते ही मची खलबली
सोमवार को परिवार ने अपनी 18 वर्षीय बेटी की शादी पुराने शहर के काजी पुरा में अपने किराए के मकान में कराई. पहले उसने अगले छह महीने में सगाई और दो साल बाद शादी करने की योजना बनाई थी, लेकिन नए कानून की खबर सुनकर परिवार घबरा गया और सोमवार को बेटी की शादी कर दी. तौफीक ने कहा, "हम बाद में बिदाई कराएंगे.''
प्रस्ताव को मिल चुकी है कैबिनेट ने मंजूरी
इस तरह के और भी कई मामले देखे जा रह हैं. गौरतलब है कि देश में लड़कियों के लिए विवाह की उम्र को 18 साल के बढ़ाकर 21 किया जा रहा है. इस प्रस्ताव को कैबिनेट ने मंजूरी भी दे दी है. इसके लिए सरकार मौजूदा कानूनों में संशोधन करेगी. देश में पहले के कानून के अनुसार अभी पुरुषों की विवाह की न्यूनतम उम्र 21 और महिलाओं की 18 साल है.
नए प्रस्ताव के मंजूर होने के बाद अब सरकार बाल विवाह निषेध कानून, स्पेशल मैरिज एक्ट और हिंदू मैरिज एक्ट में संशोधन करेगी. नीति आयोग में जया जेटली की अध्यक्षता में साल 2020 में बने टास्क फोर्स ने इसकी सिफारिश की थी. इस टास्कफोर्स को "मातृत्व की आयु से संबंधित मामलों, एमएमआर (मातृ मृत्यु दर) को कम करने, पोषण स्तर में सुधार और संबंधित मुद्दों" की जांच करने के लिए गठित किया गया था.