पश्चिम बंगाल (West Bengal) में त्योहारों के मद्देनजर पटाखों पर बैन का मामला सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) पहुंच गया है. इस मामले पर आज यानी सोमवार को दोपहर 3 बजे सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई होगी.
दरअसल, कलकत्ता हाईकोर्ट ने आदेश दिया था कि इस साल काली पूजा, दिवाली और कुछ अन्य त्योहारों के दौरान राज्य में पटाखों की बिक्री, खरीद और उपयोग पर बैन रहेगा.
जस्टिस एएम खानविलकर और जस्टिस अजय रस्तोगी की विशेष पीठ इस यचिका पर सुनवाई करेगी. सुप्रीम कोर्ट ने राज्य सरकार के वकील और प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के वकील को पेश होने को कहा है. साथ ही याचिकाकर्ता को राज्य सरकार और प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के वकील को याचिका की कॉपी देने को भी कहा है.
बता दें, याचिका में दावा किया गया है कि कलकत्ता हाईकोर्ट द्वारा पारित पटाखों पर बैन लगाने का आदेश पूरी तरह से गलत था. जबकि सुप्रीम कोर्ट ने सभी राज्यों की अनुमति सीमा में ग्रीन क्रैकर्स जलाने की छूट दी है.
पश्चिम बंगाल के पटाखा यूनियन ने इस पर कहा है कि कलकत्ता हाईकोर्ट ने इस तथ्य को नजरअंदाज किया है कि ग्रीन क्रैकर्स से 30 प्रतिशत तक कम उत्सर्जन होता है. जिन ग्रीन क्रैकर्स को स्थानीय बाजार में उतारा गया है, ये सभी पर्यावरण के अनुकूल हैं.
सात लाख परिवारों पर संकट
याचिकाकर्ताओं ने कहा है कि पटाखा उद्योग से लगभग सात लाख परिवारों का घर चलता है. अगर पश्चिम बंगाल में पटाखों की बिक्री और उपयोग पर पूर्ण प्रतिबंध लगाया जाता है, तो विक्रेताओं और निर्माताओं को अपूरणीय क्षति होगी, जिससे पटाखा उद्योग पूरी तरह से बंद हो सकता है और लाखों लोगों पर आर्थिक संकट आ जाएगा.
किन त्योहारों पर लगा पटाखों पर बैन?
पश्चिम बंगाल में कलकत्ता हाईकोर्ट ने जिन त्योहारों के लिए बैन लगाया गया है, उनमें काली पूजा, दिवाली, छठ पूजा और क्रिसमस हैं. इससे पहले, पश्चिम बंगाल सरकार ने दिवाली पर दो घंटे (8-10), छठ पूजा पर 6-8, नए साल के मौके पर 35 मिनट पटाखों को फोड़ने की अनुमति दी थी. हालांकि, कलकत्ता हाईकोर्ट ने इन मौकों पर पटाखों के इस्तेमाल और सेल पर पूरी तरह से प्रतिबंध लगा दिया.