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दवा और मेडिकल उपकरणों पर नया कानून लाने की तैयारी में मोदी सरकार, बनाया गया पैनल

जानकारी मिली है कि ये पैनल सरकार द्वारा दिए गए सुझावों पर विचार करेगा और फिर नए कानून के लिए 30 नवंबर तक एक ड्राफ्ट डॉक्यूमेंट सौपेगा. फिर उन सिफारिशों के आधार पर नया न्यू ड्रग्स, कॉस्मेटिक्स और मेडिकल डिवाइसेस एक्ट बनाया जाएगा.

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दवा और मेडिकल उपकरणों पर नया कानून लाने की तैयारी में मोदी सरकार
दवा और मेडिकल उपकरणों पर नया कानून लाने की तैयारी में मोदी सरकार
स्टोरी हाइलाइट्स
  • दवा और मेडिकल उपकरणों पर नया कानून
  • सरकार ने बनाया नया पैनल

केंद्र की मोदी सरकार जल्द ही दवा, कॉस्मेटिक्स और मेडिकल उपकरण के लिए नया कानून लाने की तैयारी कर रही है. इस कानून के लिए सरकार द्वारा एक पैनल का भी गठन कर दिया गया है. पैनल में कुल आठ सदस्यों को रखा गया है और इसका हेड ड्रग कंट्रोलर जनरल ऑफ इंडिया वीजी सोमानी को बनाया गया है.

दवा और मेडिकल उपकरणों पर नया कानून

जानकारी मिली है कि ये पैनल सरकार द्वारा दिए गए सुझावों पर विचार करेगा और फिर नए कानून के लिए 30 नवंबर तक एक ड्राफ्ट डॉक्यूमेंट सौंपेगा. फिर उन सिफारिशों के आधार पर नया न्यू ड्रग्स, कॉस्मेटिक्स और मेडिकल डिवाइसेस एक्ट बनाया जाएगा. यहां पर ये जानना जरूरी है कि पहले वाले कानून में  मेडिकल डिवाइसेस को शामिल नहीं किया गया था. लेकिन पिछले साल सरकार ने मेडिलक डिवाइसेस को भी ड्रग्स कैटेगरी में ला दिया था. ऐसा करते ही इन डिवाइसेस को रेगुलेट करने की ताकत भी सरकार के पास आ गई थी. अब नया कानून भी इसी दिशा में बनाया जा रहा है.

क्यों है नए कानून की जरूरत?

एक्सपर्ट भी मानते हैं कि अब नए कानून की सख्त जरूरत है क्योंकि पिछला कानून साल 1940 में बना था. ऐसे में अंग्रेजों के समय में बने कानून के आधार पर आज की जरूरतों को पूरा नहीं किया जा सकता. ऐसे में सरकार अब इस नए कानून के जरिए हर उस बदलाव पर अपना जोर दे रही है. जिस पैनल का सरकार ने गठन किया है उसमें स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय के डायरेक्टर राजीव वाधवान को शामिल किया गया है. उनके अलावा ज्वॉइंट ड्रग कंट्रोलर एके प्रधान, गुजरात और महाराष्ट्र के ड्रग कंट्रोलर,ज्वॉइंट ड्रग कंट्रोलर डॉ. ईश्वरा रेड्डी को भी जगह दी गई है. इन सभी पर 30 नवंबर तक नए कानून के लिए मसौदा तैयार करने की बड़ी जिम्मेदारी है.

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Drugs and Cosmetics Act, 1940 की बात करें तो इस कानून के जरिए दवा और कॉस्मेटिक्स के आयात, वितरण और बिक्री को आसानी से रेगुलेट किया जा सकता है. उसी कानून को संशोधन करते हुए अब सरकार ने मेडिकल डिवाइसेस को भी इसमें शामिल कर लिया है.

 

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