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रामबन में CM उमर अब्दुल्ला का आपदा पीड़ितों ने किया घेराव, राहत कार्यों में देरी पर जताई नाराजगी

रामबन पहुंचे मुख्यमुंत्री उमर अब्दुल्ला की गाड़ी का स्थानीय लोगों ने घेराव किया और नारेबाजी की. उन्होंने राहत एवं बचाव कार्य में देरी पर अपनी नाराजगी जताई. उमर अब्दुल्ला अपनी गाड़ी रोककर बाहर निकले और नाराज लोगों की समस्याएं सुनीं. उन्होंने लोगों को शांत ​कराया और उनकी समस्याओं के समाधान का आश्वासन दिया.

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जम्मू-कश्मीर के मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने लैंडस्लाइड और फ्लैश फ्लड से प्रभावित रामबन के इलाकों का दौरा किया. (PTI Photo)
जम्मू-कश्मीर के मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने लैंडस्लाइड और फ्लैश फ्लड से प्रभावित रामबन के इलाकों का दौरा किया. (PTI Photo)

जम्मू-कश्मीर के मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला के काफिले को स्थानीय निवासियों ने रामबन में रोका और विनाशकारी बाढ़ एवं भूस्खलन के बाद अपनी चिंताओं पर चर्चा की. रविवार को जिले में आई विनाशकारी बाढ़ एवं भूस्खलन में तीन लोगों की मौत हो गई थी और व्यापक क्षति हुई थी. इस प्राकृतिक आपदा के बाद विभिन्न राजनीतिक दलों के नेताओं ने केंद्र से इसे राष्ट्रीय आपदा घोषित करने तथा प्रभावित परिवारों को वित्तीय सहायता प्रदान करने का आग्रह किया. 

रामबन पहुंचे मुख्यमुंत्री उमर अब्दुल्ला की गाड़ी का स्थानीय लोगों ने घेराव किया और नारेबाजी की. उन्होंने राहत एवं बचाव कार्य में देरी पर अपनी नाराजगी जताई. उमर अब्दुल्ला अपनी गाड़ी रोककर बाहर निकले और नाराज लोगों की समस्याएं सुनीं. उन्होंने लोगों को शांत ​कराया और उनकी समस्याओं के समाधान का आश्वासन दिया. आपदा प्रभावित इलाकों में जमीनी हालात का जायजा लेने के बाद सीएम उमर ने मीडिया से बातचीत की.

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उन्होंने कहा, 'आपदा को आए आज तीन दिन हो गए. इन तीन दिनों में वरिष्ठ मंत्री हर दिन यहां आए हैं... कल मैंने पैदल ही स्थिति का निरीक्षण किया. बिजली, पानी की बहाली का काम जितनी तेजी से हो सकता है, किया जा रहा है. सड़कों से मलबा हटाया जा रहा है. हमारी पहली प्राथमिकता लोगों का जीवन बचाना था. हमने लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया. हमारी दूसरी प्राथमिकता सड़कों को फिर से जोड़ना है. सड़कों की बहाली का काम चल रहा है. अधिकारियों ने आश्वासन दिया है कि 24 घंटे के भीतर राजमार्ग का सिंगल ट्रैक खोल दिया जाएगा.'

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मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने कहा, 'राजमार्ग खुलने के बाद मलबा हटा दिया जाएगा. राहत सामग्री उपलब्ध कराई जा रही है. बहाली के बाद, हम एसडीआरएफ और एनडीआरएफ के मानदंडों के अनुसार मुआवजा प्रदान करेंगे. मुझे विश्वास है कि हमें केंद्र से सभी आवश्यक मदद मिलेगी.' डिविजनल कमिश्नर विजय कुमार बिधूड़ी ने बताया कि सेरी, बागना, पनोटे और खारी सहित 10 से 12 गांवों में अलग-अलग स्तर पर नुकसान हुआ है, तथा प्रभावित लोगों को राहत प्रदान करने के लिए आकलन टीमें जमीनी स्तर पर काम कर रही हैं.

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आवश्यक सेवाओं की बहाली का काम जारी है, एनडीआरएफ, एसडीआरएफ, सेना, पुलिस और अन्य एजेंसियों की संयुक्त टीमें स्थिति को सुधारने के लिए काम कर रही हैं. जम्मू-श्रीनगर राष्ट्रीय राजमार्ग को काफी नुकसान पहुंचा है, जिसके कई हिस्से बह गए हैं या मलबे में दब गए हैं. फंसे हुए यात्रियों से मुगल रोड और सिंथन टॉप रोड जैसे वैकल्पिक मार्गों की ओर जाने की सिफारिश की जा रही है. विजय कुमार बिधूड़ी कुमार ने कहा, 'राजमार्ग को बहाल होने में समय लगेगा, हालांकि हमारे प्रयास जारी हैं. हमें स्थिरता के लिए दरारों की जांच करनी होगी. अवरोधक दीवारें भी क्षतिग्रस्त हो गई हैं.'

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