दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल ने एक अंतरराष्ट्रीय जासूसी रैकेट का पर्दाफाश किया है, जिसमें न्यूक्लियर तकनीक की स्मगलिंग का चौंकाने वाला खुलासा सामने आया है. पुलिस को पूछताछ में पता चला है कि आदिल ने रसियन साइंटिस्ट से न्यूक्लियर रिलेटेड कुछ डिजाइन लिए थे. इनको उसने ईरान के किसी साइंटिस्ट को बेचा था. जासूस के इस खुलासे के बाद पुलिस और खुफिया एजेंसी इसकी पुष्टि के लिए संबंधित लोगों के संपर्क में है.
खुफिया एजेंसी के विश्वसनीय सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार, दिल्ली के सीमापुरी इलाके से गिरफ्तार मोहम्मद आदिल हुसैनी उर्फ सैयद आदिल हुसैन उर्फ नसीमुद्दीन उर्फ सैयद आदिल हुसैनी ने पूछताछ के दौरान बताया कि उसने एक रूसी वैज्ञानिक से न्यूक्लियर से जुड़े संवेदनशील डिजाइन प्राप्त किए थे, जिन्हें बाद में एक ईरानी वैज्ञानिक को ऊंची कीमत पर बेच दिया. खुफिया एजेंसियां इस खुलासे की पुष्टि के लिए रूसी और ईरानी पक्षों से संपर्क में हैं.
BARC से संपर्क की कोशिश
सूत्रों ने ये भी बताया कि आदिल और उसका भाई अख्तर हुसैनी अहमद (63 वर्षीय) पर भाभा एटॉमिक रिसर्च सेंटर (BARC) के अधिकारियों से संपर्क स्थापित करने की कोशिश कर रहा था. इसी दौरान इस पूरे जासूसी मॉड्यूल का पर्दाफाश हुआ है.
दुबई में निवेश किया डील से मिला पैसा
आदिल हुसैनी ने पूछताछ में बताया कि उसे इस डील में काफी पैसे मिले थे. इन पैसों में से कुछ रकम उसने दुबई में प्रॉपर्टी में इन्वेस्ट किया था. बचे हुए पैसे को उसने "पानी की तरह बहा दिए. ये जानकारी आदिल के अंडरवर्ल्ड और जासूसी नेटवर्क से जुड़े होने की आशंका को और मजबूत करती है. जांच एजेंसियां अब दुबई में उसके निवेश की डिटेल्स भी निकालने में जुटी हैं. पूछताछ में आदिल ने कबूल किया कि दोनों भाई पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी ISI के एजेंटों से जुड़ गए थे.