केरल के कन्नूर से एक ऐसा वीडियो सामने आया है, जिससे प्रदेश की सियासत गरम हो गई है. ये वीडियो सीपीआई (एम) द्वारा आयोजित एक 'सम्मान समारोह' की थी. सीपीआई (एम) ने राज्यसभा सांसद सी. सदानंदन पर 1994 में किए गए हमले के मामले में जेल जा रहे आरोपियों को लिए विदाई समारोह का आयोजन किया, जिसे लेकर विवाद खड़ा हो गया.
सी. सदानंदन भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) के राज्यसभा सांसद हैं, ज़िनपर 1994 में जानलेवा हमला किया गया था. इस हमले में वो बुरी तरह से घायल हो गए और अपने दोनों पैर को गंवा दिया था. इस हमले का आरोपी कोई और नहीं सीपीआई (एम) के कार्यकर्ता ही थे. राजनीतिक द्वेष में ये हमला किया गया था.
यह विदाई समारोह कन्नूर के थालसेरी कोर्ट परिसर और मट्टनूर में हुआ. इस कार्यक्रम में मट्टनूर की विधायक और पूर्व स्वास्थ्य मंत्री केके शैलजा भी शामिल हुईं. इस मामले में शामिल आठों आरोपी 30 साल बाद थालसेरी कोर्ट में आत्मसमर्पण कर चुके हैं. जेल जाने से पहले का वीडियो सामने आया है, जिसमें सीपीआई (एम) कार्यकर्ता आरोपियों के समर्थन में नारेबाजी करते नजर आ रहे हैं.
इससे पहले ट्रायल कोर्ट ने इन आठों आरोपियों को दोषी ठहराया था, ये सीपीआई (एम) के कार्यकर्ता हैं. आरोपियों ने ट्रायल कोर्ट के फैसले के ख़िलाफ़ उच्च ऊपरी अदालतों में अपील की थी, जिसके बाद उन्हें ज़मानत मिल गया था. हालांकि, सुप्रीम कोर्ट ने ज़मानत को ख़ारिज करते हुए सभी आठों आरोपियों को जेल भजने का निर्देश दिया. जिसके बाद आरोपियों ने आत्मसमर्पण किया. कोर्ट ने उन्हें सात साल की जेल की सज़ा सुनाई है.
31 साल पुराना है मामला
ये पूरा मामला साल 1994 का है. उस समय कन्नूर में आरएसएस और सीपीआई (एम) के बीच राजनीतिक तनाव चरम पर था और हिंसक घटनाओं के भी मामले सामने आ रहे थे. इसी क्रम में कन्नूर में सी. सदानंदन जब अपने घर के पास थे तो उनपर हमला हुआ. उस समय उनकी उम्र 30 साल थी. इस हमले में उन्होंने अपने दोनों पैर गंवा दिए थे. बीजेपी उन्हें पार्टी के एक जीवित शहीद के रूप में देखती है. हमले के बाद भी वे सार्वजनिक जीवन में काफी सक्रिय बने रहे. 2025 में बीजेपी ने उन्हें राज्यसभा सांसद बनाया.