scorecardresearch
 

'क्या आप संसद से ऊपर हैं?', रोशनी कपूर की याचिका पर बॉम्बे हाईकोर्ट ने CBI को लगाई फटकार

केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) के कहने पर गृह मंत्रालय ने रोशनी कपूर के खिलाफ लुक आउट नोटिस जारी कर दिया था, जबकि इन दोनों को पहले ही गिरफ्तार किया जा चुका था और बाद में कोर्ट ने उसे जमानत भी दे दी थी. इसको लेकर कपूर द्वारा कोर्ट में याचिका दायर की गई थी.

Advertisement
X
बॉम्बे कोर्ट ने CBI को फटकार लगाई (प्रतिकात्मक तस्वीर)
बॉम्बे कोर्ट ने CBI को फटकार लगाई (प्रतिकात्मक तस्वीर)

यस बैंक के संस्थापक राणा कपूर की बेटी रोशनी कपूर की याचिका पर बुधवार को सुनवाई करते हुए बॉम्बे हाईकोर्ट ने सीबीआई को फटकार लगाई. दरअसल, केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) के कहने पर गृह मंत्रालय ने रोशनी कपूर के खिलाफ लुक आउट नोटिस जारी कर दिया था, जबकि इन दोनों को पहले ही गिरफ्तार किया जा चुका था और बाद में कोर्ट ने उसे जमानत भी दे दी थी. 

बता दें कि सीबीआई ने कोर्ट में चार्जशीट दाखिल करने के बाद कपूर को उनकी मां और बहन के साथ अदालत ने हिरासत में ले लिया था. बाद में उन्हें 2021 में सुप्रीम कोर्ट द्वारा अंतरिम जमानत दे दी गई थी. कपूर को इस साल शादी के लिए देश से बाहर यात्रा करनी थी और परिवार के साथ फिर से संबंध स्थापित करने थे. हालांकि, जब वह यात्रा करने की अनुमति लेने आई थी, तो बॉम्बे हाईकोर्ट ने उनसे पहले एलओसी को चुनौती देने और फिर यात्रा की अनुमति लेने को कहा था.

बुधवार को सुनवाई के दौरान पीठ ने सीबीआई और प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) की ओर से पेश अधिवक्ता हितेन वेनेगांवकर से पूछा कि जब आरोपी को सुप्रीम कोर्ट ने जमानत पर रिहा कर दिया था तो किस कानून के तहत एलओसी जारी किया गया था. अब इस मामले की सुनवाई 20 सितंबर को होगी.

Advertisement

बेंच ने फटकार लगाते हुए कहा, "एक बार जमानत मिल जाने के बाद एक आरोपी उस अदालत की हिरासत में होता है, जिसने जमानत दी थी. आप (एजेंसी) इस तरह के न्यायिक आदेशों का उल्लंघन कैसे कर सकते हैं? क्या आप (केंद्रीय एजेंसी) संसद से ऊपर हैं? आप अब संसद से आगे निकल रहे हैं."

न्यायमूर्ति गडकरी ने तर्क दिया, "लुकआउट नोटिस केवल फरार आरोपी के लिए होता है. एक बार आरोपी की गिरफ्तारी के बाद लुकआउट नोटिस खत्म होना चाहिए." हालांकि, इस पर वकील वेनेगांवकर ने कहा कि आरोपी की गिरफ्तारी के बाद ही एलओसी को निलंबित कर दिया गया था.

कपूर की ओर से पेश हुए वकील प्रणव बधेका ने अदालत से कहा कि उनका पासपोर्ट सीबीआई के पास जमा है और अगर वह विदेश यात्रा करना चाहती हैं तो उन्हें पूर्व अनुमति लेनी होगी. बधेका ने कहा कि भले ही आरोपी वर्तमान में जेल में नहीं थी, लेकिन वह अदालत की हिरासत में थी और उन पर कड़ी शर्तें लगाई गई थीं. 

Advertisement
Advertisement