बिहार में चुनाव आयोग द्वारा आयोजित विशेष गहन पुनरीक्षण (SIR) प्रक्रिया का दूसरा चरण पूरा हो चुका है. अब आयोग नवंबर में होने वाले बिहार विधानसभा चुनाव से पहले अंतिम मतदाता सूची तैयार करने में जुट गया है. ये अंतिम सूची 30 सितंबर 2025 को प्रकाशित की जाएगी. इसके साथ ही एक सितंबर को दावों और आपत्तियों की प्रक्रिया को अस्थायी रूप से बंद कर दिया गया है और 2 सितंबर से नए आवेदनों पर काम शुरू होगा.
चुनाव आयोग द्वारा 25 जून से शुरू हुई SIR प्रक्रिया के तहत मतदाता सूची को अपडेट करने का कार्य किया. इस प्रक्रिया के पहले चरण में एक अगस्त को मसौदा मतदाता सूची जारी की गई थी, जिसमें 7.24 करोड़ नाम दर्ज थे जो पहले की तुलना में 65 लाख कम थे. एक अगस्त से एक सितंबर तक दावों और आपत्तियों की अवधि के दौरान कुल 16 लाख 56 हजार 886 लोगों ने नए नाम जोड़ने के लिए आवेदन किया. इसके अलावा 2 लाख 17 हजार 49 लोगों ने नाम हटाने और 36 हजार 475 लोगों ने मतदाता सूची में सुधार के लिए आवेदन जमा किए.
चुनाव आयोग ने अब तक 91 हजार 462 आवेदनों का निपटारा कर लिया है. इस दौरान राजनीतिक दलों के बूथ लेवल एजेंट्स (BLA) ने भी आवेदन जमा किए. भाकपा (माले) ने 15 नाम जोड़ने और 103 नाम हटाने के लिए आवेदन किए, जबकि आरजेडी ने 10 नाम जोड़ने और बीजेपी ने 16 नाम हटाने के लिए आवेदन जमा किया. वहीं, अन्य 6 राष्ट्रीय और 4 राज्य स्तरीय दलों के BLA ने कोई आवेदन नहीं दिया.
3 लाख से ज्यादा मतदाताओं की होगी जांच
प्राप्त जानकारी के अनुसार, अब चुनाव आयोग ने 3 लाख से ज्यादा मतदाताओं को नोटिस देकर उनकी पात्रता की जांच शुरू की है. इनमें सबसे अधिक नोटिस सीमांचल क्षेत्र के मतदाताओं को जारी किए गए हैं.
बिना नोटिस के नहीं कटेगा किसी का नाम: EC
आयोग ने स्पष्ट किया है कि जिन मतदाताओं को नोटिस जारी किया गया है, उनका पक्ष सुने बिना उनकी मतदाता पात्रता पर ERO कोई अंतिम फैसला नहीं लेंगे. आयोग ने ये भी भरोसा दिलाया है कि किसी भी वैध मतदाता का नाम सूची से नहीं हटाया जाएगा और बिना नोटिस के किसी का नाम नहीं काटा जाएगा.
SIR प्रक्रिया के तहत 24 जून से 25 जुलाई तक पहले चरण (गणना चरण) में बूथ लेवल अधिकारियों (BLO) ने घर-घर जाकर मतदाताओं के विवरण सत्यापित किए. एक अगस्त को प्रकाशित मसौदा सूची के बाद एक सितंबर तक लोगों को दावे और आपत्तियां दर्ज करने का मौका दिया गया. अब 2 सितंबर से नए आवेदनों की प्रक्रिया शुरू होगी, जिसमें नए मतदाताओं के नाम जोड़ने, सुधार करने और नाम हटाने के आवेदन शामिल होंगे.